लखनऊ के कान्हा उपवन की तर्ज पर यूपी के अन्य जिलों में भी बने गौशाला: योगी

Edited By ,Updated: 01 Apr, 2017 07:55 AM

gaushala built in other districts of up on the lines of kanha grove of lucknow

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी की ‘कान्हा उपवन गौशाला’ की तर्ज पर राज्य के अन्य जिलों में भी....

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी की ‘कान्हा उपवन गौशाला’ की तर्ज पर राज्य के अन्य जिलों में भी गोवंशीय पशुआें के रखरखाव के लिए गौशाला बनाने पर जोर दिया। बता दें कि योगी नादरगंज स्थित कान्हा उपवन गौशाला का निरीक्षण करने आए थे। उन्होंने लखनऊ नगर निगम की पहल से स्थापित किए गए उपवन की सराहना करते हुए नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना से अपेक्षा की कि प्रदेश के अन्य नगर निगमों में भी गोवंशीय पशुआें के रख-रखाव के लिए इसी प्रकार की गौशाला स्थापित की जाएं।

उन्होंने कहा कि जिन नगरों में पहले से गौशाला स्थापित हैं, उनकी क्षमता में वृद्घि की जाए। इससे जहां गौ तस्करों से छुड़ाए गए एवं नगरों में खुले घूम रहे गोवंशीय पशुआें को आश्रय उपलब्ध कराने में सुविधा होगी, वहीं बीमार पशुआें के इलाज की मुकम्मल व्यवस्था भी हो सकेगी। इस मौके पर उन्होंने गोवंशीय पशुआें के लिए बनाए गए सभी शेडों में जाकर वहां की व्यवस्था का जायजा लिया। उपवन परिसर में निर्मित सिद्घार्थ पशु-पक्षी उपचार केन्द्र में कुत्तों के बंध्याकरण सुविधा के अलावा घायल पशुआें के इलाज की व्यवस्था को भी देखा। उन्होंने गायों को स्वयं हरा चारा एवं गुड़ खिलाया।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवंशीय पशुआें को स्वच्छता अधिक प्रिय है, इसलिए गौशाला के सभी शेडों एवं परिसर में साफ-सफाई पर अधिक ध्यान दिया जाए। पशुआें को अधिक से अधिक हरा चारा उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि कान्हा उपवन को और बेहतर बनाया जाए। योगी ने गोबर के बेहतर उपयोग तथा गोमूत्र के सदुपयोग के लिए आवश्यक कदम उठाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कान्हा आश्रय पशु कल्याण योजना के तहत 700 अतिरिक्त गोवंशीय पशुआें के लिए निर्माणाधीन शेडों की प्रगति की जानकारी प्राप्त की तथा निर्देशित किया कि नवनिर्मित शेडों का उपयोग शीघ्र शुरू किया जाए।

ज्ञातव्य है कि 54 बीघे में निर्मित कान्हा उपवन की स्थापना लखनऊ नगर निगम ने 2010 में की थी। इस समय गौशाला में करीब 1850 गोवंशीय पशु हैं, जिनमें लगभग 900 गाय तथा 917 नंदी (सांड) के अलावा बछड़े एवं बछिया शामिल हैं। यहां के पशु चिकित्सालय में गोवंशीय पशुआें के अलावा बड़ी संख्या में बंदर एवं कुत्तों का भी इलाज किया जाता है। बाद में मुख्यमंत्री ने स्थानीय महिलाआें की समस्याआें को सुना और उनके क्षेत्र में जल निकासी एवं सड़क की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। 
 

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