Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 08:17 AM
बेपनाह मोहब्बत की बेजोड़ निशानी ताजमहल के अधिकारिक ट्विटर अकाऊंट पर 7 महीने से कोई हलचल नहीं है। न किसी ने ट्वीट किया है और न ही किसी ने री-ट्वीट। चौंकाने वाली यह स्थिति दर्शाती है कि संगमरमरी हुस्न के इस अजूबे में योगी सरकार कितनी दिलचस्पी ले रही...
आगरा: बेपनाह मोहब्बत की बेजोड़ निशानी ताजमहल के अधिकारिक ट्विटर अकाऊंट पर 7 महीने से कोई हलचल नहीं है। न किसी ने ट्वीट किया है और न ही किसी ने री-ट्वीट। चौंकाने वाली यह स्थिति दर्शाती है कि संगमरमरी हुस्न के इस अजूबे में योगी सरकार कितनी दिलचस्पी ले रही है। यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ताज का दीदार कर इसे विरासत की अनमोल धरोहर बता चुके हैं। दूसरी ओर एक हकीकत यह भी है कि वह अपने अधिकारिक ट्विटर अकाऊंट से ताज के अकाऊंट को अभी तक फॉलो नहीं करते हैं, जबकि इसके फॉलोवर में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम शामिल है।
गौरतलब है कि 15 अगस्त 2015 को पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्विटर अकाऊंट लॉन्च किया था। उन्होंने पत्नी डिंपल और बेटे के साथ ताज की फोटो सांझा की थी। देश और दुनिया में ताजमहल के ट्विटर अकाऊंट पर 1.67 लाख फॉलोअर हैं। पिछली सपा सरकार में यह अकाऊंट खोला गया था। इसका उद्देश्य था कि पर्यटकों को ताजमहल की ओर आकर्षित करना।
तब सूबे की सरकार की सक्रियता की वजह से मुहिम रंग लाई और इसका पर्यटकों संग बेहतर तरीके से संवाद हो रहा था। प्रतिक्रियाएं भी रोज ही मिल रही थीं। ताजमहल के ट्विटर अकाऊंट पर परिचय में भी लिखा है कि दुनिया की सबसे प्यार की जाने वाली इमारत जो आगरा में है, विश्व के अजूबों में से एक है। इससे पहले सरकार ने पर्यटन की जो बुकलेट जारी की, उसमें ताज का मुख्य गुंबद न होने पर विवाद हुआ था।