बीएचयू हिंसा, विश्वविद्यालयय और जिला प्रशासन की नाकामी सामने आयी: गोकर्ण

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 03:44 PM

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काशी हिंसा विश्वविद्यालय (बीएचयू) की छात्राओं से छेडख़ानी की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने के कारण यहां हिंसक घटनाएं हुईं...

वाराणसी: काशी हिंसा विश्वविद्यालय (बीएचयू) की छात्राओं से छेडख़ानी की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने के कारण यहां हिंसक घटनाएं हुईं।

वाराणसी के मंडलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण ने आज यहां बताया कि संबंधित पक्षों के बयान के आधार पर प्रथम ²ष्टया ऐसा लगता है कि छात्राओं की छेड़छाड़ की शिकायत को विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण धरना-प्रदर्शन और फिर हिंसा भड़की। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन भी छात्राओं के आंदोलन को संवेदनशील तरीके से निपटने में नाकाम रहा।

उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के विश्वविद्यालय के मु य पर स्थित धरना-स्थल से कुलपति निवास की ओर बढऩे के दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़पें हुईं और इसके बाद लाठीचार्ज की घटनाएं हुईं। गोकर्ण ने बताया कि बीएचयू में हिंसक घटनाओं के मामले प्राभरंभिक संयुक्त जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस मामले में श्री गोकर्ण और वाराणसी के अपर पुलिस महानिरिक्षक महापात्रा ने कल 24 से अधिक संबंधित पक्षों के बयान दर्ज किये थे। इसी आधार पर एक संयुक्त रिपोर्ट प्रदेश के मुय सचिव राजीव कुमार को भेजी गई है। कुमार ने घटना का संज्ञान लेते हुए वाराणसी के मंडलायुक्त गोकर्ण एवं वाराणसी अपर पुलिस महानिरिक्षक महापात्रा को गत 24 सितंबर को जांच करने का आदेश दिया था। कुमार ने दोनों अधिकारियों को अपनी संयुक्त रिपोर्ट शासन को शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिये थे।

इस बीच, विश्वविद्यालय के सूत्रों ने आज यहां बताया कि कुलपति प्रो0 गिरीश चंद्र त्रिपाठी को अपना पक्ष रखने के लिए केद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय में तलब किया गया है और वह आज ही दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं।  गौरतलब है कि विश्वविद्यालय परिसर की मुय द्वार ‘सिंह द्वार’ पर 22 सितंबर की सुबह अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर सुबह छात्राएं धरने पर बैठी थीं। अगले दिन 23 सितंबर की रात कुलपति प्रो0 गिरीश चंद्र त्रिपाठी से बातचीत की कोशिशें विफल होने के बाद आंदोलनकारी उनके निवास की ओर मार्च कर रहे थे।

आरोप है कि इसी बीच विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों ने छात्राओं पर लाठियां बरसायीं, जिसके बाद भड़की ङ्क्षहसक घटनाओं में कई छात्राएं एवं कई पत्रकारों एवं पुलिस कर्मियों 18 से अधिक लोग घायल हो गए थे। उग्र भीड़ ने जमकर तोडफ़ोड़ की थी और एक ट्रैक्टर एवं कई मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया था।  हालांकि, प्रो0 त्रिपाठी ने कल अपने बयान में आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज की घटना से इंकार किया था।  

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