Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2017 04:41 PM
देश में एक ओर जहां सरकार खुले में शौच से मुक्ति के दावे कर रही हैं, वहीं....
बांदा(जफर अहमद): देश में एक ओर जहां सरकार खुले में शौच से मुक्ति के दावे कर रही हैं, वहीं बांदा के अतर्रा तहसील के अंतर्गत भुजवनपुरवा गांव में पिछड़ी जाति के मजदूरों को खेत में शौच के बदले अपनी मजदूरी कटवानी पड़ती है। बता दें कि गांव की दूरी अतर्रा तहसील से मात्र 3 किमी है। यहां कुल 120 परिवार रहते हैं, जिनमें लगभग 60 घर पिछड़े मजदूर परिवारों के हैं। मजदूरों के 60 घरों में सभी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।
जानकारी के अनुसार यूपी के बांदा जिले में दलितों से खेत में शौच जाने के नाम पर समृद्ध लोगों द्वारा 'एडवांस टैक्स' वसूले जाने का मामला सामने आया है। यह भूमिहीन दलित गांव के भूमिधारी किसानों के यहां खेतों में मजदूरी का काम करते हैं। मजदूरों की दलित बस्ती में बुनियादी सुविधाएं जैसे शौचालय, पानी, बिजली, रास्ता तक उपलब्ध नहीं है। जबकि गांव के ही ऊंची जाति के लोगों के यहां सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
यह मामला अतर्रा तहसील अंतर्गत भुजवनपुरवा गांव का है, जहां दलित मजदूरों से शौच के बदले किराया लेने की प्रथा वर्षों से चली आ रही है। जिसकी कटौती उनसे खेत में काम करने के बदले मिलने वाली मजदूरी के एक हिस्से के रूप में की जाती है। जिला प्रशासन का कहना है कि वह मामले का पता करवा रहे हैं।