यहां का दशहरा है खासः राम नहीं रावण की होती है पूजा, निकाली जाती है भव्य बारात

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Sep, 2017 10:28 AM

dussehra is special here ram does not have ravan

देश भर में दशहरे के त्योहार की तैयारिया जोरो शोरो से चल रही है। पूरे देश भर में भले....

इलाहाबादः  देश भर में दशहरे के त्योहार की तैयारिया जोरो शोरो से चल रही है। पूरे देश भर में भले ही रावण को जलाने की परम्पंरा हो लेकिन सगंम नगरी इलाहाबाद में इसके उल्ट ही है। यहां पर रावण का पुतला जलाया नहीं बल्कि पूजा जाता है और भव्य शोभायात्रा से ही दशहरे के त्योहार की शुरूआत होती है।

हाथी-घोडों, बैंड पार्टियों व आकर्षक लाइट्स के बीच रावण की शोभा यात्रा जब उनके कुनबे और मायावी सेना के साथ शहर की सड़कों पर निकलती है, तो उसके स्वागत में जनसैलाब उमड़ पड़ता है।

यहां पूजा जाता है लंकापति रावण को 
इस साल शोभा यात्रा में शामिल डेढ़ दर्जन से ज्यादा झांकियां लोगों के ख़ास आकर्षण का केंद्र रहीं। रावण बरात के नाम से निकलने वाली इस शोभा यात्रा के साथ ही दशहरा उत्सव शुरू हो गया है। इलाहाबाद में लंकापति रावण को उनकी विद्वता के कारण पूजा जाता है।

महाराजा रावण का भव्य स्वागत
दशानन की सवारी के ठीक आगे उनकी मायावी सेना अनोखे करतब दिखाते हुए चल रही थी। फूलों की बारिश, विजय धुन बजाती बैंड पार्टियां और आकर्षक लाइट्स के बीच महाराजा रावण और उनके परिवारवालों का जगह-जगह ऐसा भव्य स्वागत किया गया मानो दशानन एक बार फिर से तीनो लोकों को जीतकर लंका वापस लौटे हों

नहीं जलाया जाता रावण का पुतला 
इलाहाबाद में महाराजा रावण को उनकी विद्वता के कारण पूजा जाता है। यहां दशहरे के दिन रावण का पुतला भी नहीं जलाया जाता। दशहरा उत्सव शुरू होने पर यहां राम का नाम लेने वाले का नाक-कान काटकर शीश पिलाने का प्रतीकात्मक नारा भी लगाया जाता है।

सदियों पुरानी है परम्परा 
शोभा यात्रा से पहले रावण को घंटो सजाया जाता है। यही वजह है कि यहां रावण बनने वाले कलाकार खुद को बेहद भाग्यशाली मानते हैं। दशहरे पर रावण की पूजा करने वाले श्री कटरा रामलीला कमेटी के लोग खुद को ऋषि भारद्वाज का वंशज मानते हैं। रावण पूजा के साथ दशहरा उत्सव शुरू करने की यह परम्परा सदियों पुरानी है।

झांकियों में पेश होते हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम
दशानन की 2 किमी लम्बी इस अनूठी व भव्य शोभा यात्रा में महाराजा रावण के साथ ही उनके गुरु भगवान् भोले शंकर और किशन कन्हैया के जीवन पर आधारित तमाम झांकियां भी शामिल रहती हैं। इन झांकियों की सजावट इस शोभा यात्रा का खास आकर्षण होते हैं।

रावण बारात के बाद निकलते हैं राम और हनुमान के दल
महाराजा रावण की यह बारात इलाहाबाद की श्री कटरा रामलीला कमेटी द्वारा मुनि भारद्वाज के आश्रम से निकाली जाती है। इस अनूठी बारात के साथ ही इलाहाबाद में दशहरा की शुरुआत  हो जाती है। इस उत्सव के तहत एक पखवारे तक शहर के अलग-अलग मोहल्लों इस शोभा यात्रा के बाद ही भव्य राम दल व हनुमान दल निकाले जाते हैं, जो अपनी भव्यता की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर हैं। 


 

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