Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Feb, 2018 11:07 AM
उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने तीखे तेवर अख्तियार किए हुए हैं। जिसके चलते उन्होंने बीते शनिवार बसपा पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमों कानून व्यवस्था की दुहाई दे रही हैं...
लखनऊः उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने तीखे तेवर अख्तियार किए हुए हैं। जिसके चलते उन्होंने बीते शनिवार बसपा पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमों कानून व्यवस्था की दुहाई दे रही हैं अगर उनके शासन में कानून का राज होता तो उन्हें स्थाई राजनीतिक बनवास पर न जाना पड़ता। बहन जी के शासन काल में जेल के अन्दर तक हत्याएं हो जाती थी। घोटालों और भ्रष्टाचार की नई तकनिक बसपा शासन में ही इजाद हुई थी।
प्रदेश अध्यक्ष इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने कहा कि जिस तरह मायावती मोटी रकम लेकर टिकट बेचती है, वैसे ही उनकी सरकार में कानून सिर्फ उसका साथ देता था जिसके पास मोटी रकम चुकाने की हैसियत थी। थानों का बाजारीकरण करने वाली बसपा सुप्रीमों कानून-व्यवस्था की दुहाई दे रही है। बसपा और सपा शासन ने युवाओं, बेरोजगारों को लूटने और छलने का काम किया। अधिकांश नौकरियां, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई, जिनमें से अधिकांश आज भी कोर्ट की जद में है।
साथ ही उन्होंने बताया कि दलित वोटों की सौदागर बसपा सुप्रीमों ने अपने शासन में अहंकार और दम्भ की पराकाष्ठाए पार की। हुक्मरान बन कर तानाशाही से 5 वर्षो तक प्रदेश को जमकर लूटा, अवैध खनन का धंधा बसपा सरकार की देन है। जिसे सपा ने आगे बढ़ाया। एनआरएचएम घोटाला, स्मारक घोटाला, बहन जी के शासन के अविस्मृत सत्य है। महापुरूषों की प्रतिमाओं तक को घोटालेबाजी में नहीं बख्सा। जेलों के अंदर तक राजनीतिक संरक्षण में हत्याओं के दौर चले, वहीं बसपा सुप्रीमों आज मोदी सरकार और योगी सरकार की जनकल्याणकरी योजनाओं और नीतियों पर उंगली उठा रही है?
नोटबंदी को लेकर उन्होंने विपक्ष को मद्देनजर रखते हुए कहा कि प्रदेश और देश का जनमानस देश में सुधार के लिए और भ्रष्टाचार के विनाश के लिए कठिनाइयों का सामना करने को तैयार है। मोदी ने राष्ट्रहित में नोटबंदी का कठोर निर्णय लिया, जिसे कष्ट सहकर भी देश की देवतुल्य जनता ने स्वीकार किया। बसपा-सपा-कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष ने नोटबंदी का जोर-शोर से विरोध किया। 2017 के उत्तर प्रदेश की परिणामों ने नोटबंदी का विरोध करने वालों की वोटबंदी कर दी। मोदी जी प्रधानसेवक के रूप में देश के कल्याण के लिए कठोर कदम उठाने से विल्कुल भी हिचक नही रहे, अब जीएसटी का निर्णय करके देश को आर्थिक सुधार के मार्ग पर आगे ले चले है।