Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Mar, 2018 05:04 PM
कहते है डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप है, क्योकि डॉक्टर ही इंसान को मौत के मुंह से बचा के निकालते है, लेकिन आज के समय में डॉक्टरों की लापरवाही देखकर एेसा कहना मुश्किल है। ताजा मामला झांसी का है। जहां डॉक्टरों ने मरीज का कटा पंजा डॉक्टरों ने उसी के दोनों...
झांसीः डॉक्टरों को भगवान को दूसरा रूप कहते हैं, क्योकि डॉक्टर ही इंसान को मौत के मुंह से बचा के निकालते है, लेकिन आज के समय में डॉक्टरों की लापरवाही देखकर एेसा कहना मुश्किल है। ताजा मामला झांसी का है। जहां डॉक्टरों ने मरीज का कटा पंजा उसी के दोनों पैरों के बीच ही रख दिया। जब लोगों ने अपने मोबाइल से फोटो खींचना शुरू किया तो तत्काल उसे हटाकर डॉक्टरों ने घायल व्यक्ति की इलाज किया।
जानिए पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक मंगलवार शाम करीब 7:30 बजे कोतवाली नगर के करौंदिया रेलवे क्रॉसिंग के पास एक व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आ गया। हादसे में उसका बायां पैर, पंजे के थोड़ा ऊपर से कट गया। लोगों ने तत्काल एंबुलेंस बुलाकर उसे जिला अस्पताल पहुंचाया। यहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और स्टाफ ने उसके कटे हुए पैर को दोनों पैरों के बीच ही रख दिया। करीब आधे घंटे तक ये ऐसे ही पड़ा रहा। यही नहीं, तड़प रहे व्यक्ति का इलाज करना भी मुनासिब नहीं समझा।
डॉक्टरों ने दिखाई संवेदनहीनता
जब अस्पताल में मौजूद लोगों ने डॉक्टरों की इस संवेदनहीनता को मोबाइल में कैद करना शुरू किया तो तत्काल डॉक्टर एक्शन में आ गए। कटा पैर हटाकर घायल की ड्रेसिंग की। हालत स्थिर होने पर घायल ने अपनी पहचान बताई। उसकी शिनाख्त जयसिंहपुर कोतवाली के रवनिया पीढ़ी गांव निवासी अतुल कुमार पाण्डेय (48) पुत्र जगनारायण पाण्डेय के रूप में हुई।
गौरतलब है कि एक बार पहले भी एेसा हो चुका है जब डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक मरीज के पैर को उसके सिर के नीच रखकर उसका तकिया बना दिया था।