जिला अदालत ने बलात्कारी तांत्रिक को सुनाई 22 साल की सजा, ठोंका जुर्माना

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Oct, 2017 10:16 AM

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उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले की एक अदालत ने बलात्कारी तांत्रिक को 22 साल की सजा के अलावा उसपर जुर्माना भी लगाया।

मथुरा: उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले की एक अदालत ने बलात्कारी तांत्रिक को 22 साल की सजा के अलावा उसपर जुर्माना भी लगाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार हाईवे इलाके के नटवर नगर मोहल्ले में किराये पर रह रहे तांत्रिक महेश चन्द्र ने कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली एक महिला को उसके घर की परेशानियों को तंत्र विद्या से ठीक करने का भरोसा दिलाया था। 

तांत्रिक के कहने पर 60 वर्षीय महिला ने 12 जुलाई 2016 की रात अपने घर में बाहर से ताला लगाया और वह तांत्रिक के यहां पहुंच गई। तांत्रिक ने उसके साथ बलात्कार करने के साथ अप्राकृतिक कृत भी किया। महिला ने विरोध किया तो आरोपी कहने लगा कि वह तांत्रिक क्रिया कर रहा है और जो कुछ कर रहा है वह तांत्रिक क्रिया का भाग है तथा इससे उसके घर की परेशानियां दूर हो जाएंगी। 

तांत्रिक की हरकत की घरवालों को जब जानकारी हुई तो उन्होंने उसके खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराने की कोशिश की और दर्ज न होने पर अदालत का सहारा लिया। अदालत के 16 सितंबर 2016 के आदेश पर 22 नवबर 2016 को आरोपी तांत्रिक के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा 376 , 377 , 417 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई। महिला ने अपने 161 एवं 164 के कलमबंद बयान में एक प्रकार से एफआईआर में दिये तथ्यों की पुष्टि की।

मुकदमें की सुनवाई के दौरान महिला के पति एवं ससुर ने बताया कि महिला पर तांत्रिक ने एक प्रकार से जादू कर दिया था तथा वह उनकी इच्छा के विपरीत घंटों तांत्रिक से बात करती रहती थी तथा तांत्रिक महिला के फोन को अपने पैसे से रिचार्ज कराया करता था। उधर बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि जब महिला के पति से उधार के 35 हजार मांगे गए तो उसने पैसे देने की जगह उसे उल्टा फंसा दिया। उसने यह भी दलील दी कि महिला के साथ हुए संभोग को बलात्कार नहीं कहा जा सकता क्योंकि जो कुछ भी उसके साथ हुआ वह रजामंदी से हुआ है। 

इस मामले में फास्ट ट्रैक अदालत के अपर सत्र न्यायाधीश विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने धारा 376 में 15 साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना जबकि धारा 377 के तहत छह साल की सजा और छह हजार रुपये का जुर्माना तथा धारा 417 में एक साल की सजा और एक हजार का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। जुर्माना अदा ने करने पर धारा 376 में डेढ़ साल की, धारा 377 में एक साल की और धारा 417 में तीन माह की अतिरिक्त सजा भोगने का आदेश दिया। मामले की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रवीण कुमार सिंह ने की।  

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