बिना अनुमति के डेरा ने लखनऊ के निजी मेडिकल कालेज को भेजे थे 14 शव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Sep, 2017 05:44 PM

dera sent to lucknow  s private medical college without permission 14 dead bodies

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरूमीत राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद एक रहस्योद्घाटन में केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को .....

लखनऊः डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरूमीत राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद एक रहस्योद्घाटन में केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को बताया है कि सिरसा हरियाणा स्थित डेरा मुख्यालय से लखनऊ के एक निजी मेडिकल कालेज जीसीआरजी इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को 14 शव बिना मृत्यु प्रमाण पत्र और अनुमति लिये बिना भेजे गए।

पुलिस सूत्रों के अनुसार केन्द्र सरकार ने यह पत्र उत्तर प्रदेश सरकार को गत 19 अगस्त को भेजा था। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि मेडिकल कालेज द्वारा 14 शव प्राप्त करने के लिये मृत्यु प्रमाण पत्र और अनुमति नही लिया जाना एक गंभीर मामला है। इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। जीसीआरजी मेडिकल कालेज के अधिकारियों ने दावा किया कि भारतीय चिकित्सा परिषद(एमसीआई) की एक टीम ने गत 16 अगस्त को कॉलेज का निरीक्षण किया था और एनॉटमी डिपार्टमेंट में रिसर्च के लिये 15 शव मिले थे। जबकि गत 6 जनवरी को इसमें केवल एक शव मिला था। नियमानुसार रिसर्च के लिये 15 शव होने चाहिए।

जीसीआरजी इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को मान्यता दिए जाने का एक विवाद पहले से ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दर्ज है। उत्तर प्रदेश सरकार के पास इस मामले की जानकारी है। जांच टीम को इंस्टीटयूट में तमाम गड़बड़यिां मिली थी। टीम ने इंस्टीटयूट को मान्यता न दिये जाने की सिफारिश की थी।  उच्च न्यायालय के आदेश पर एमसीआई ने मेडिकल कालेज के दस्तावेजों की फिर से जांच की थी। कालेज को 14 शव सिरसा के डेरा सच्चा सौदा ने दिए थे। जांच टीम को कालेज का प्रबन्धन शवों के जरूरी दस्तावेज नही दिखा पाया। राज्य सरकार ने मेडिकल काजेल में छात्र- छात्राओं के प्रवेश पर 2 साल के लिए रोक लगा दी है। हालांकि, सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहीं पर भी 14 शव का जिक्र नही किया है।

वहीं, मेडिकल कालेज के अधिकारियों ने दावा किया है कि कालेज के अनुरोध पर बाबा राम रहीम ने ये शव कालेज को दान में दी है। डेरा कई अन्य मेडिकल कालेजों को शव दान कर चुका है। कालेज के पास सभी 14 परिवारों के हलफनामे हैं जिन्होंने अनुसंधान के लिए शवों को दान करने पर सहमति दी है। कालेज ने लखनऊ पुलिस को इन दस्तावेजों की जांच करने के लिए कहा है।  लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने कहा कि पुलिस राज्य के मेडिकल शिक्षा विभाग से परामर्श करेगी। इस प्रक्रिया का पता लगाएगी कि निजी मेडिकल संस्थानों किसी का शव प्राप्त करने का अधिकार है या नही, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि अधिकारियों ने कहा कि रिसर्च के लिये किसी व्यक्ति का शव पाने के लिये एक निजी या सरकारी मेडिकल कॉलेज या अस्पताल द्वारा जारी किए गये मृत्यु प्रमाण पत्र तथा परिवार की सहमति पत्र होना आवश्यक है। लावारिस शव को प्राप्त करने के लिये पुलिस कार्रवाई पूरी होने के बाद ही इन्हे प्राप्त किया जा सकता है।


 

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