Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 05:09 PM
लखीमपुर जिले में एक पिता अपनी डेढ़ महीने की बच्ची के शव के पोस्टमार्टम के लिए अफसरों के चक्कर काटता रहा। पीड़ित की यह हालत देखकर किसी भी अफसर का कलेजा नहीं पसीजा...
लखीमपुरः लखीमपुर जिले में एक पिता अपनी डेढ़ महीने की बच्ची के शव के पोस्टमार्टम के लिए अफसरों के चक्कर काटता रहा। पीड़ित की यह हालत देखकर किसी भी अफसर का कलेजा नहीं पसीजा। जिसके चलते वह अपनी बच्ची का शव लेकर सीएमओ के आवास पर पहुंचा। जहां सीएमओ ने शव को मोर्चरी पर रखवा दिया है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
बता दें कि धौरहरा कोतवाली क्षेत्र के गांव सैनीपुरवा में रहने वाले कनौजी की बच्ची बीमार थी। वह अपनी डेढ़ माह की बच्ची को लेकर सीएससी की संविदा एएनएम के पास गया। एएनएम ने बच्ची को इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन से उसकी हालत और बिगड़ गई। गंभीर हालत में परिजन उसे लेकर धौरहरा सीएचसी गए। जहां रात भर बच्ची अस्पताल में पड़ी रही। बच्ची का सही इलाज ना होने के कारण मौत हो गई।
पिता का आरोप नहीं हुआ ठीक से इलाज
पिता का आरोप है कि उसका ठीक से इलाज नहीं किया गया है जिसके चलते रविवार की सुबह बच्ची की मौत हो गई। मैं बच्ची के शव को लेकर कोतवाली पहुंचा और एएनएम के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने ना तो मेरी रिपोर्ट दर्ज की और ना ही बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराया।
शव को लेकर एसपी के बंगले पर पहुंचा पिता
पिता ने बताया कि कोतवाल ने मुझे फरमान सुना दिया कि घर जाकर शव का अंतिम संस्कार कर दे। पुलिस का ये रवैया देख कर मैं अपनी बच्ची के शव को लेकर एसपी के बंगले पर पहुंचा। एसपी ने मामला कार्रवाई के लिए सीओ धौरहरा को रेफर कर दिया, लेकिन सीओ ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया।
सीओ ने भी गंभीरता से नहीं लिया मामला
मृतका के पिता को वापस शव धौरहरा ले जाने को कहा। बाद में थक-हारकर पीड़ित अपनी बच्ची का शव लेकर सीएमओ आवास पहुंच गया। सीएमओ ने बच्ची के शव को मोर्चरी में रखवा दिया है। पूरा दिन बच्ची के शव को कंधे पर डालकर अफसरों के चक्कर लगाने के बाद भी शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका।
सीएमओ जावेद अहमद ने् कहा कि बच्ची के शव को लेकर एक ग्रामीण आया था। उसने पोस्टमार्टम कराने की मांग की जिस पर शव मोर्चरी में रखवा दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण के आरोपों की जांच कराई जाएगी।