Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 02:29 PM
बिजनौर के जिला पंचायत चुनाव को लेकर साकेन्द्र मामले में उस वक्त नया मोड आ गया, जब जसवंत सिंह की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। जिस पर पुलिसकर्मी भी थाना छोड भाग निकले...
बिजनौरः बिजनौर के जिला पंचायत चुनाव को लेकर साकेन्द्र मामले में उस वक्त नया मोड आ गया, जब जसवंत सिंह की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। जिस पर पुलिसकर्मी भी थाना छोड भाग निकले। वहीं इस घटना के बाद मृतक के परिजनों ने थाने में शव रखकर रातभर जमकर हंगामा काटा।
दरअसल मामला राज्यमंत्री अतुल गर्ग के सपा और भाजपा नेताओं के बीच हुई मारपीट का है। जिसमें पुलिस ने मंत्री की गाडी पर हमला करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उसमें से एक आरोपी के परिजन जसवंत सिंह को पुलिस ने 3 दिन पहलेे ही गिरफ्तार किया था। लेकिन आज पुलिस प्रताड़ना में उसकी मौत हो गई जबकि इस मामले में जसवंत पर कोई मुकदमा नही था।
परिजनों का आरोप है कि 65 साल के जसवंत सिंह दिल के मरीज थे, जिनकी बाईपास सर्जरी भी हुई थी। इस सम्बन्ध में उन्होंने एसपी को मृतक की मेडिकल रिपोर्ट दिखाते हुए पुलिस हिरासत से जसवंत को रिहा करने की अपील की थी, लेकिन कप्तान साहब ने अपने ऊपर राजनैतिक दबाव बताते हुए उनकी एक नहीं सुनी थी ।
मौत को लेकर गुस्साए परिजनों ने शव को थाने में रखकर जमकर हंगामा काटा। वहीं परिजनों ने हंगामा करते हुए कप्तान से भाजपा विधायक लोकेन्द्र चैहान तथा सीपी सिंह को हत्या का दोषी मानते हुए मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।