चीफ सेक्रेटरी के फरमान पर IAS का पलटवार, कहा- सम्मान मांगा नहीं बल्कि किया जाता है अर्जित

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 12:55 PM

counter terrorism of ias said honor is earned but not earned

उत्तर प्रदेश में चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार की ओर से 18 अक्टूबर 2017 को एक फरमान जारी हुआ है। जिसमें कहा गया है कि किसी भी कार्यालय में या पब्लिक जगह में यदि कोई विधायक, सांसद आते हैं, तो सभी अफसरों कर्मचारियों को उनके सम्मान में खड़े होना होगा...

लखनऊः उत्तर प्रदेश में चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार की ओर से 18 अक्टूबर 2017 को एक फरमान जारी हुआ है। जिसमें कहा गया है कि किसी भी कार्यालय में या पब्लिक जगह में यदि कोई विधायक, सांसद आते हैं, तो सभी अफसरों कर्मचारियों को उनके सम्मान में खड़े होना होगा। इस फरमान पर एक पूर्व आईएएस ने सवाल उठाया है कि क्या अब डीपी सिंह जैसे अपराधी छवि वाले विधायकों के सामने भी अधिकारियों को खड़े होकर सैल्यूट करना पड़ेगा।

योगी सरकार के खिलाफ धावा बोलने वाले पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह एक बार फिर चर्चा का विषय बन गए हैँ। उन्होंने योगी सरकार द्वारा जारी किए फरमान पर फेसबुक पोस्ट के जरिए योगी सरकार से सवाल पूछा है कि क्या अब अधिकारी एक अपराधी को भी सैल्यूट करेगा। क्या अब जिले के एसपी-डीएम को अपराधियों से भी चाय नाश्ता पूछना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि क्या अब डीपी सिंह जैसे अपराधी छवी वाले विधायकों के सामने भी अधिकारियों को खड़े होकर सैल्यूट मारना पड़ेगा।

इसके साथ ही उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि यह सर्वमान्य सत्य है कि ‘सम्मान मांगा नहीं जाता, बल्कि अर्जित किया जाता है (Respect is not demanded but commanded) असली सम्मान पद से नहीं, प्रतिभा/सदाचारण से आता है। यदि अच्छा आदर्श आचरण हो तो सम्मान दिल से आएगा ही। सम्मान एकतरफ़ा नहीं हो सकता है बल्कि पारस्परिक होता है। यह नहीं हो सकता कि अधिकारी तो विधायकों का सम्मान करें और जनप्रतिनिधि उन्हें गाली गलौज करें।  

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