Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 03:39 PM
उत्तर प्रदेश में सरकारों के साथ-साथ परिवहन निगम की बसों के रंग भी बदलते रहे हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारों के साथ-साथ परिवहन निगम की बसों के रंग भी बदलते रहे हैं। योगीराज में अब केसरिया रंग में रंगी बसें चलेंगी। ये बसें आरएसएस से जुड़े रहे जनसंघ के संस्थापकों में से एक पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 100वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर आगामी 25 सितंबर से विभिन्न तीर्थ स्थलों के लिए चलाई जाएगी। इन बसों का साधारण किराया होगा। इन्हें ब्लाक स्तर तक चलाया जाएगा।
परिवहन निगम सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यूपीएसआरटीसी वाहनों में ‘नीला और क्रीम रंग का संयोजन’ किया जाएगा लेकिन बसों का रंग राजनीतिक या अन्य कारणों से बदलता रहता है। परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह ने कहा है कि बसों का आकर्षण बढ़ाने के लिए विभिन्न रंगों से इन्हें सजाया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि आप बसों को देखते हैं, तो वे सिर्फ भगवा नहीं दिखाई देंगे बल्कि रंग और डिजाइन से वे सुंदर दिखाई देंगे। बसपा शासन में बसों का रंग नीला और सफेद था, जबकि सपा शासन में इनका रंग हरा और लाल हो गया था।
परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि विशेष सेवा के लिए अलग-अलग रंग आसानी से बस की पहचान करने में मदद करेगा। प्रदेश में श्रद्धालुओं की सुविधा एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निगम ने सभी धार्मिक स्थलों के लिए बस चलाने की योजना तैयार की है। इन बसों का रंग अलग रखा गया है जिससे इन्हें दूर से ही पहचाना जा सके। कानपुर में यूपीएसआरटीसी की केंद्रीय कार्यशाला में नई बसें तैयार की जा रही हैं। प्रत्येक बस की लागत करीब 24 लाख रुपए है। अंत्योदय सेवा के पहले चरण में 50 बसों का चलाने की योजना है।
राज्य सरकार की बस सेवा से ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी क्षेत्र से जोड़ने की योजना है। सरकार परिवहन निगम की 10 हजार बसों को गांवों तक पहुंचाएगी। चालू वित्त वर्ष में परिवहन निगम की 5 हजार नई बसों को इसमें लगाया जाएगा। बसपा शासन काल में शुरू किए गए विशेष बस सेवा और सपा सरकार ने लोहिया ग्रामीण बस सेवा की शुरू की थी। इन बसों को भी इसी तर्ज पर चलाया जा रहा है। नई योजना के तहत चलाई जा रही बसों का किराया 20 प्रतिशत कम होगा।