Edited By ,Updated: 04 Apr, 2016 07:29 PM
मलेशिया में अच्छी नौकरी के नाम पर एजेंट के चंगुल में फंसे युवक की जिंदगी बर्बाद होने से बच गई।
कानपुर (अंबरीश त्रिपाठी): मलेशिया में अच्छी नौकरी के नाम पर एजेंट के चंगुल में फंसे युवक की जिंदगी बर्बाद होने से बच गई। मलेशिया जेल में दो महीने से बंद भारतीय नागरिक को पीएमओ ऑफिस के दखल के बाद मलेशिया सरकार ने रिहा कर दिया। अपने परिवार के पास पहुंचा भारतीय नागरिक काफी खुश है और बीजेपी को इसके लिए बधाई दे रहा है।
क्या है मामला?
उन्नाव जिले के रहने वाले विश्वनाथ एजेंट के माध्यम से मलेशिया नौकरी करने गए थे। एजेंट ने विश्वनाथ को वर्किंग वीजा बताकर मलेशिया भेजा था। विश्वनाथ ने मलेशिया में करीब 7 महीने गार्ड की नौकरी की इसके बाद इमिग्रेशन वालों ने विश्वनाथ को पकड़ लिया। जब उन्होंने विश्वनाथ के कागजात चेक किए तो उसका वीजा टूरिस्ट वीजा निकला जिसके बाद उसको जेल में डाल दिया गया।
एजेंट ने फंसाया
विश्वनाथ के मुताबिक हम काम करने मलेशिया गए थे। एजेंट ने वार्किंग वीजा बताकर टूरिस्ट वीजा पर भेजा था। 7 महीने काम करने के बाद इमिग्रेशन वालों ने पकड़ लिया और कागजात चेक किये तब उन्होंने बताया कि यह टूरिस्ट वीजा है वर्किंग वीजा नहीं। इसके बाद उन्होंने हमको 2 महीने जेल में बंद कर दिया। हमारे परिवार वालों ने बीजेपी जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी से संपर्क किया।
क्या कहते हैं बीजेपी जिला अध्यक्ष
बीजेपी जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी ने बताया कि पीड़ित के घरवालों ने जब हमसे संपर्क किया तो हमने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया। इनका प्रार्थनापत्र लेकर पीएमओ ऑफिस भेजा। सबके हस्तछेप के बाद मलेशिया के राजदूत का फोन इनके परिवार के पास आया। 24 घंटे के अंदर ही केंद्र सरकार ने विश्वनाथ को रिहा करवाने का प्रयास शुरू कर दिया। 15 दिनों के भीतर ही विश्वनाथ को कानपुर लाने में सफलता मिल गई।