Edited By ,Updated: 19 May, 2017 12:56 PM
यूपी बोर्ड की परीक्षा खत्म हुई और अब समय आया स्नातक और परास्नातक परीक्षाओं का।
गाजीपुर(अनिल कुमार): यूपी बोर्ड की परीक्षा खत्म हुई और अब समय आया स्नातक और परास्नातक परीक्षाओं का। इन सभी परीक्षाओं में नकल कैसे होती और कालेज प्रशासन के कर्मचारी कैसे नकल कराते हैं, इसकी बानगी एक सप्ताह पूर्व स्वामी सहजानंद महाविद्यालय की स्नातक की परीक्षा में देखने को मिली।
जानकारी के अनुसार ब्रह्मर्षि संस्कृत महाविद्यालय रेवतीपुर में स्नातक की परीक्षा चल रही थी और नकल भी जोरों पर हो रही थी। लेकिन यहां पर नकल कराने का तरीका कुछ अलग रहा। यहां पर जैसे ही मीडिया पर परीक्षा में ड्यूटी कर रहे कर्मचारी की नजर पड़ी तो वह परीक्षार्थियों को सावधान होने का इशारा करने लगा। इसके बाद परीक्षा प्रभारी की नजर भी जैसे ही मीडिया के कैमरे पर पड़ी तो उसे अपनी भूल का अहसास हुआ क्योंकि उसने खुद अपने हाथ में परीक्षा गाइड और अन्य नकल सामग्री पकड़ रखी थी।
कैमरे में गाइड और नकल सामग्री के साथ कैद हुए परीक्षा प्रभारी से इस बाबत पूछा गया तो उसने नकल विहीन परीक्षा का दावा किया। उससे जब ये पूछा गया कि आपके हाथ में क्या है तो खुद उसने स्वीकार किया कि ये छात्रों से छीना गया है। जब उससे पूछा गया कि ये नकल सामग्री परीक्षा हाल में कैसे पहुंची तो इसका कोई जवाब उसके पास नहीं था। उसने सिर्फ इतना बताया कि यह छात्रों के पास था जो वो लाए हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही जब छात्रों को चेक करने का निर्देश होता है तो परीक्षा के अन्तिम समय में कैसे ये परीक्षा स्थल पर नकल की सामग्री मिली। इस बात से यह साफ जाहिर है कि कालेज प्रशासन इन किताबों से छात्रों को वो सब करा रहे थे जिसे हम नकल कह रहे हैं। इस बारे में जब जिला विद्यालय निरीक्षक से बात की गई तो उनका कहना था कि मैं कोई बाईट नहीं देता हूं।