Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jan, 2018 12:52 PM
बुंदेलखंड में बसपा के लिए जमीन तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कद्दावर नेता और बिहार तथा झारखंड प्रभारी तिलकचन्द्र अहिरवार ने पार्टी छोड़ दी है। हालांकि इसके पीछे का वास्तविक कारण अभी साफ नहीं हो पाया है।
झांसी: बुंदेलखंड में बसपा के लिए जमीन तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कद्दावर नेता और बिहार तथा झारखंड प्रभारी तिलकचन्द्र अहिरवार ने पार्टी छोड़ दी है। हालांकि इसके पीछे का वास्तविक कारण अभी साफ नहीं हो पाया है।
अहिरवार ने बसपा सुप्रीमो मायावती को पत्र लिखकर उन्हें अपने फैसले के बारे में अवगत कराया है। मायावती को लिखे पत्र में उन्होंने खराब स्वास्थ्य के चलते यह फैसला लेने की बात कही है। बसपा के इस जाने माने नेता ने यूं तो खराब स्वास्थ्य को पार्टी छोड़ने का कारण बताया है लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार अहिरवार ने बसपा का लगातार सिकुड़ता जनाधार, कार्यकर्त्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए पार्टी नेतृत्व की ओर से कोई बड़ी पहल नहीं किए जाने तथा पार्टी में स्वयं उनके अब लगभग हाशिये पर आने जैसे कारणों के चलते पार्टी छोड़ने का फैसला किया है।
अहिरवार ने बसपा की लगभग 30 वर्षों तक ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा से सेवा करते हुए प्रमुख पदों पर काम किया है। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती को मेल द्वारा भेजे पत्र में बताया कि स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह पार्टी में अब आगे सेवा नहीं कर सकते हैं। जिस कारण वह बिहार-झारखंड राज्य के प्रभारी पद समेत अन्य सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं।
बसपा के उदय के बाद से अहिरवार लगातार पार्टी में सक्रिय और एक मिशनरी कार्यकर्त्ता रहे हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी को भी पूरा किया है। पार्टी ने 1996 में उन्हें जिलाध्यक्ष बनाया था। इसके बाद 2002 में वह बसपा के टिकट पर बबीना विभानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद जालौन जिला प्रभारी और दिल्ली प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी को भी निभाया। वह बुंदेलखंड विकास निगम के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।