Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jan, 2018 09:32 AM
गत दिनों सामने आए मथुरा बीएसएफ मुख्यालय में हुए गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में पंजाब केसरी टीम ने मथुरा जाकर मामले की जानकारी ली तो हैरानीजनक तथ्य सामने आए। असल में बीएसएफ मुख्यालय मथुरा में कार्यरत गोकराम नामक एएसआई....
लखनऊ: गत दिनों सामने आए मथुरा बीएसएफ मुख्यालय में हुए गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में पंजाब केसरी टीम ने मथुरा जाकर मामले की जानकारी ली तो हैरानीजनक तथ्य सामने आए। असल में बीएसएफ मुख्यालय मथुरा में कार्यरत गोकराम नामक एएसआई जिसे विभागीय कर्मचारी मानसिक रोगी बता रहे हैं, ने 13 नवम्बर, 2017 को रात के समय मुख्यालय के भीतर बने गुरुद्वारा साहिब से गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ को उठाकर पास के गंदे नाले में फैंक दिया। इसके बाद वहीं स्थित एक मंदिर से गीता और 2 देवताओं की मूर्तियां भी गंदे नाले में फैंक दीं।
जानकारी के अनुसार इस बात का पता चलने के बाद अधिकारियों ने कार्रवाई की और धार्मिक ग्रंथ और मूर्तियों की खोज की। लेकिन उन्हें वहां से सिर्फ गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप ही मिला। विभागीय जानकारी के अनुसार वहां से तुरंत आरोपी एएसआई को पहले मानसिक रोगी चिकित्सालय और वहां से उसे मानसिक रोगी इंस्टीच्यूट में भेजा गया। विभागीय कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार पहले तो उक्त एएसआई को उसके घर भेजने के लिए उसके परिवार वालों से संपर्क किया गया पर वहां से उसे कोई लेने नहीं आया। आखिर डाक्टरों की सलाह पर उसे उसके छत्तीसगढ़ स्थित घर भेजा गया और वह अभी छुट्टी पर ही है।
लेकिन जिस बात से नया धार्मिक विवाद सामने आ सकता है वह यह है कि बीएसएफ मुख्यालय मथुरा में हुई गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद वहां की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए थी, लेकिन इससे उलट बीएसएफ मुख्यालय मथुरा से गुरुद्वारा साहिब को हटाकर नोएडा बीएसएफ मुख्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है।अब बीएसएएफ मुख्यालय मथुरा में गुरुद्वारा है ही नहीं जिससे सवाल यह भी पैदा होता है कि सिख धर्म को मानने वाले कर्मचारी अब कैसे अपने धर्म का पूजन करेंगे। मामले बारे सिख जत्थेबंदियों के नेताओं से बात की तो उनमें इस बात को लेकर रोष पाया गया।