Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 08:30 AM
उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में टिकट न मिलने से बागी हुए नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जगह सपा उनसे हमदर्दी दिखाते हुए उनकी घर वापसी करवाएगी। इसी क्रम में सिर्फ लखनऊ की बात कर लें तो 18 से ज्यादा बागी नेताओं ने पार्षद की जंग जीती है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में टिकट न मिलने से बागी हुए नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जगह सपा उनसे हमदर्दी दिखाते हुए उनकी घर वापसी करवाएगी। इसी क्रम में सिर्फ लखनऊ की बात कर लें तो 18 से ज्यादा बागी नेताओं ने पार्षद की जंग जीती है। पार्टी के सिंबल से लखनऊ में 28 पार्षद हैं। ऐसे में बागी पार्षद और जीते हुए पार्षदों के एक साथ आने से पार्टी की ताकत बढ़ जाएगी।
सपा चाह रही है कि जीते हुए नगर पालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षद को माफी देकर पार्टी को मजबूत किया जाए। हालांकि इन बागियों पर आखिरी फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को करना है, लेकिन पार्टी ने अभी से ही जीते हुए लोगों को पुचकारना शुरू कर दिया है। दरअसल अपनों की घर वापसी के पीछे सपा की यह भी रणनीति है कि कहीं ये जीते नेता भाजपा ज्वाइन न कर लें।
सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी के बहुत से ऐसे नेता हैं जो नगर पालिका, नगर पंचायत और पार्षद के चुनाव में निर्दलीय जीते हैं, वे पार्टी के सदस्य हैं। ऐसे लोगों को पार्टी में वापस लेने का फैसला विचाराधीन है। इस पर आखिरी फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे, लेकिन कइयों ने घर वापसी के लिए संपर्क भी किया है।