15 दिन में खत्म हो जाता है शरीर से खून, इलाज के लिए बच्ची ने लगाई पीएम से गुहार

Edited By ,Updated: 06 Mar, 2017 04:54 PM

blood from body 15 days is over the pm made appeal to child treatment

ताजनगरी आगरा में एक गरीब परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है...

आगराः ताजनगरी आगरा में एक गरीब परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। जहां एक माता-पिता अपनी बेटी की गंभीर बीमारी के चलते उसका इलाज करवाने में असमर्थ हैं। इसी असमर्थता के चलते इस पिता ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उसने बेटी के इलाज के लिए मदद मांगी है।

3 साल से बेटी को बचाने की जद्दोजहद कर रहा पिता
यह दर्द भरी चिट्ठी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए लिखी गई है। यह पत्र लिखने वाला  शास्त्रीपुरम का रहने वाला संतोष कुमार है, जोकि एक स्कूलवैन चालक है। जिसके साथ किस्मत ने बड़ा मजाक किया है। उनका एक बेटा पहले से ही मानसिक रुप से कमजोर है तो दूसरी और उनकी 5 साल की बेटी 'बेबो' पिछले 3 सालों से थैलीसीमिया नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित है। इस बीमारी के चलते कुछ दिनों बाद शरीर का खून खत्म हो जाता है। बीमारी से ग्रस्त प्ले स्कूल में पढ़ने वाली बेबो अब घर बैठी है। हर 15 से 20 दिन में उसका खून खत्म हो जाता है। ब्लड पैक चढ़वाना पड़ता है। ऊपर से महीने भर की दवाओं का खर्च अलग से है। 3 साल से संतोष बेटी को बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं।

गरीबी के चलते नहीं करवा पा रहा इलाज
संतोष कुमार का कहना है कि उन्होंने पहले उसका लखनऊ पीजीआई में इलाज करवाया और अब शहर के निजी अस्पताल में खून बदलवाते हैं। 3 से 4 हजार रुपए हर महिने खर्च होते हैं। हालत यह कि अब उनके घर खाने तक के लाले पड़ गए हैं। किसी ने उन्हें एम्स, सफदरजंग या एस्कार्ट में दिखाने की सलाह दी है। लेकिन संतोष में इनती सामर्थ्य नहीं है। उनकी वैन में जाने वाले बच्चों ने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखने को कहा है। लिहाजा उसी के चलते उन्होंने पीएम से फरियाद की है कि पीएमओ से उसकी बेटी के लिए अच्छी खबर जरूर आएगी। संतोष इसी आशा में स्कूल वैन को दौड़ा रहे हैं। वैन में चलने वाले मासूम भी इसके लिए प्रार्थना कर रहे है।

पिता को है प्रधानमंत्री के जवाब का इन्तजार
इस दौरान बेबो के पिता सन्तोष कुमार ने कहा कि  इलाज के दौरान धीरे-धीरे जो भविष्य के लिए धन एकत्रित किया था वह सब इलाज के लिए खर्च हो गया। अब घर के हालात बेहद खराब है। उनका कहना है कि वह 7 हज़ार महीना कमाते है, जिनमें से आधे दवाइयों और घर के खर्च में आते है। ऐसे में डर लगता है कि वह कहीं अपनी मासूम बेटी  को खो न दें।इसलिए मैंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा, क्योंकि वह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अभियान चला रहे है।, ऐसे में वह मेरी भी मदद करेंगे। इसलिए में उनके जवाब का इंतज़ार कर रहा हूँ। 

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