Edited By ,Updated: 31 Mar, 2017 01:08 PM
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में होस्टल वार्डन द्वारा विद्यालय की छात्राओं को निर्वस्त्र कर कक्षा में बैठाने का एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है।
मुजफ्फरनगर: कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में होस्टल वार्डन द्वारा विद्यालय की छात्राओं को निर्वस्त्र कर कक्षा में बैठाने का एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। होस्टल वार्डन की इस घिनौनी करतूत का पीड़ित छात्राओं ने नारेबाजी कर विरोध किया और प्रदेश सरकार से कार्रवाई की मांग की है। वहीं कई छात्राओं के अभिभावक अपनी बच्चियों के साथ हुई इस हरकत के बाद छात्राओं को स्कूल से घर ले गए।
मामला मुजफ्फरनगर के खतौली थाना क्षेत्र के तिगरी गांव स्तिथ सरकारी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का है। जहां विद्यालय की महिला वार्डन सुरेखा तौमर द्वारा छात्राओं के उत्पीड़न का घिनौना मामला सामने आया है। उत्पीड़न भी कुछ इस तरह का किया गया है जिससे समाज भी शर्मिंदा हो जाए। स्कूल की वार्डन खुद एक महिला है और इसके बावजूद उसने छात्राओं को इस तरह अपमानित करने की घिनौनी करतूत को अंजाम दिया।
खतौली के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में वार्डन ने विधालय में अध्यनरत 70 छात्राओं को संयुक्त रूप से कक्षा में ले जाकर नग्न अवस्था में खड़ा किया। वार्डन सुरेखा ने कई घंटो तक छात्राओं को पूर्ण निवस्त्र रखा। छात्राएं खुद को अपमानित महसूस करती रही लेकिन वार्डन खुद महिला होते हुए भी उन छात्राओं का अपमान और दर्द ना समझ सकी। वार्डन की इस घिनौनी करतूत के पीछे वजह बस इतनी थी कि विद्यालय के टॉयलेट में ब्लड के धब्बे मिले थे जिसे देख विद्यालय की वार्डन आग बबूला हो गई।
इस मामले में छात्राओं के परिजनों में रोष है और वे अपनी बेटियों को इस विद्यालय में नहीं पढ़ाना चाहते। कुछ परिजन तो अपनी बेटियों को विद्यालय से वापस घर ले गए और प्रदेश सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि जब मामला मीडिया में आया तो बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रकेश यादव ने आनन-फानन में 7 सदस्यों की टीम बना कर इस पूरे मामले की जांच कर वार्डन सुरेखा पर आरोप सिद्ध होने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।