Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Nov, 2017 02:34 PM
फिरोजाबाद में बीजेपी मेयर और पार्षदों के टिकट की सूची आने के बाद से हंगामा मचा हुआ है। दरअसल जो नाम चुनाव अधिकारी के सामने तय हुए थे उनको हटाकर किसी और को टिकट दे दिया गया है। जिसके चलते बीजेपी कार्यकर्त्ताओं में आक्रोश है। वहीं राष्ट्रीय...
फिरोजाबाद(प्रशांत उपाध्याय): फिरोजाबाद में बीजेपी मेयर और पार्षदों के टिकट की सूची आने के बाद से हंगामा मचा हुआ है। दरअसल जो नाम चुनाव अधिकारी के सामने तय हुए थे उनको हटाकर किसी और को टिकट दे दिया गया है। जिसके चलते बीजेपी कार्यकर्त्ताओं में आक्रोश है। वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के घर के सामने ही कार्यकर्त्ताओं ने महानगर अध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव के खिलाफ पुतला फूंका आैर जमकर नारेबाजी की।
पूर्व महानगर अध्यक्ष सुनील शर्मा का कहना है कि बीजेपी में जब चुनाव की शुरुआत हुई आैर आवेदन मांगे जाने लगे तभी से ही भ्रष्टाचार शुरु हो गया था। उन्होंने आराेप लगाते हुए कहा कि महानगर अध्यक्ष कन्हैया लाल गुप्ता और उनकी टीम ने पैसे लेकर टिकट बेचने का काम किया है। मैंने तब भी इस बात का विरोध किया था। जिसके चलते इन लोगों ने मेरे ऊपर हमला करवा दिया था।
वहीं प्रत्याशियों के नाम चुनाव अधिकारी के सामने भी तय हुए थे। बुधवार को जो सूची जारी हुई उनमें उन लोगों के नाम भी काट दिए गए जो उनके सामने तय हुए थे। 5 से 7 लाख रुपए लेकर पार्टी का टिकट बेचा गया है। यह पार्टी कार्यकर्त्ताओं के साथ अन्याय है और जो लोग सपा और बसपा से जुड़े हैं एक तरह से उनको खुला संरक्षण दे रहे हैं।
सुनील शर्मा ने कहा कि हमारे यहां दिलीप यादव के भाई को टिकट दे दिया गया लेकिन कार्यकर्त्ता संजीव यादव को नहीं। महानगर अध्यक्ष ने 8 से 10 टिकटों को पैसों के दम पर इधर से उधर किया है। इसी बात का कार्यकर्त्ता विरोध कर रहे हैं। मैं स्वंय संगठन मंत्री को इस मामले से अवगत करवा चुका हूं। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि जो चीजें यहां पर गलत हुई है उनको ठीक किया जाएगा।
बीजेपी कार्यकर्त्ता राजेश का कहना है कि जिसे टिकट दिया है ना तो वो हमारे वार्ड के लोगों को जानता है और ना ही हमारे वार्ड के लोग उसे जानते हैं। फिर भी उसे यहां पर टिकट दी गई है। मेरा सर्वे में पहला नंबर था और उसका तो सर्वे में नंबर ही नहीं था। मेरा पहला नंबर काटकर उसको टिकट दे दिया गया। पैसे के कारण टिकट उसको दिया गया है। जिस कारण हम यह विरोध कर रहे हैं।