Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 09:29 AM
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बाद बीजेपी ने उत्तर प्रदेश राज्यसभा के लिए 7 और नामों का एेलान कर दिया है। इनमें अशोक वाजपेयी, विजय पाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता करदम, अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव और हरनाथ सिंह यादव का नाम शामिल है।
लखनऊः केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बाद बीजेपी ने उत्तर प्रदेश राज्यसभा के लिए 7 और नामों का एेलान कर दिया है। इनमें अशोक वाजपेयी, विजय पाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता करदम, अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव और हरनाथ सिंह यादव का नाम शामिल है।
बता दें कि अशोक वाजपेयी मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी माने जाते हैं। अशोक बाजपेई ने अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए बीते वर्ष सपा छोड़ दी थी। इसके साथ ही उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था। सपा का दामन छोड़ उन्होंने बीजेपी का हाथ थामा लिया था। 2014 के चुनाव में अशोक बाजपेई राजनाथ सिंह के खिलाफ मैदान में उतरे थे।
इससे पहले भाजपा 8 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है। जिसमें प्रकाश जावड़ेकर को छोड़कर 8 में से 7 मंत्रियों के नाम थे। वित्त मंत्री अरुण जेटली को गुजरात के बजाय उत्तर प्रदेश से, केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत और धर्मेंद्र प्रधान मध्य प्रदेश से, मनसुख भाई मंडाविया और पुरुषोत्तम रुपाला गुजरात से, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश से, रविशंकर प्रसाद को बिहार से उम्मीदवार बनाया गया है।
वहीं अन्य नामों की बात करें तो छत्तीसगढ़ से सरोज पांडेय, उत्तराखंड से अनिल बलूनी, राजस्थान से किरोड़ी लाल मीणा और मदन लाल सैनी, महराष्ट्र से नारायण राणे और वी मुरलीधरन के नाम शामिल हैं। इनके अलावा हरियाणा से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स, मध्यप्रदेश से अजय प्रताप सिंह और कैलाश सोनी, कर्नाटक से राजीव चंद्रोखर और झारखंड से समीर उरांव को बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित किया है।
गौरतलब है कि यूपी की 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहा है। समाजवादी पार्टी ने जया बच्चन को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने भीमराव अंबेडकर को अपना प्रत्याशी बनाया है। पिछले दिनों लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी को समर्थन देने के बाद मायावती ने राज्यसभा चुनाव में समर्थन मांगा था और बदले में सपा को विधान परिषद चुनाव में समर्थन की बात कही थी। विधानसभा में बसपा के पास इस समय सिर्फ 19 विधायक हैं। अगर उसके प्रत्याशी को सपा के बचे विधायक और कांग्रेस के 7 विधायक भी समर्थन दे देते हैं तो बसपा प्रत्याशी की जीत की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।