Edited By ,Updated: 18 Nov, 2016 03:00 PM
सरकार द्वारा पुराने नोट बदलवाने की सीमा 4,500 से घटाकर 2,000 रूपए किए जाने से कानपुर शहर के मुख्य बैंकों पर भीड़ कम हो गई।
कानपुर: सरकार द्वारा पुराने नोट बदलवाने की सीमा 4,500 से घटाकर 2,000 रूपए किए जाने से कानपुर शहर के मुख्य बैंकों पर भीड़ कम हो गई। बैंक अधिकारियों का मानना है कि काले धन को सफेद धन बनाने के लिए कतार में लगने वाले दलालों की संख्या घटी है और अब केवल जरूरतमंद ही बैंक आ रहे हैं। अब ज्यादातर लोग अपने खाते में पुराने नोट जमा करवाने आ रहे हैं, जो पहले भीड़ की वजह से नहीं आ रहे थे।
बैंकों में 50 प्रतिशत भीड़ कम हुई
वहीं दूसरी आेर शहर के करीब 50 फीसदी एटीएम अभी भी काम नहीं कर रहे। भीड़ केवल शहरों में कम हुई, ग्रामीण इलाकों के बैंको में अभी भी गरीब जनता कतारों में लगी है। बैंक आफ इंडिया की मॉल रोड स्थित मुख्य शाखा के मुख्य प्रबंधक प्रमोद कुमार आनंद ने बताया कि पुराने नोट बदलकर नए नोट लेने की सीमा घटाए जाने से बैंक में करीब 50 प्रतिशत भीड़ कम हो गई है। केवल वही लोग बैंक आ रहे है जिन्हें वास्तव में पैसों की जरूरत है। इसके अलावा वे लोग आ रहे है जो अपने खातों में पुराने नोट जमा करवाना चाहते है।
बड़े व्यापारियों के पैसे सफेद करवाने आ रहे थे दलाल
आनंद के मुताबिक कल तक बैंक में भीड़ लगाने वाले लोगों में एेसे लोगों की संख्या ज्यादा थी जो काले धन के बड़े व्यापारियों के पैसे सफेद करवाने आ रहे थे। ये लोग अलग अलग आईडी जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और कभी राशन कार्ड लेकर पैसे बदलवाने बार-बार आते थे। बैंक कर्मचारियों ने एेसे लोगों से पूछताछ की पता चला कि दलाली करके ये लोग दिन में कम से कम से बीस हजार रूपए अलग अलग बैंको में बदलवाते थे। इसके मेहनताने के रूप में शाम को इन्हें 1,000 रूपए मिलते थे।
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