Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Mar, 2018 05:19 PM
उत्तर प्रदेश शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने आरोप लगाया है कि राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद प्रकरण में बाबरी पक्षकार उच्चतम न्यायालय में सुनवाई को टालने की रणनीति के तहत बहस कर रहे हैं। रिजवी ने कहा कि बाबरी ढांचे के पक्षकार वरिष्ठ...
लखनऊः उत्तर प्रदेश शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने आरोप लगाया है कि राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद प्रकरण में बाबरी पक्षकार उच्चतम न्यायालय में सुनवाई को टालने की रणनीति के तहत बहस कर रहे हैं। रिजवी ने कहा कि बाबरी ढांचे के पक्षकार वरिष्ठ अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय को गुमराह करके दो-दो घंटे मुकदमे को टालने के लिए, ऐसी बहस कर रहे हैं जिससे राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद प्रकरण का कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि जैसे नमाज कहां-कहां पढ़ी जा सकती है, नमाज के लिए मस्जिद की आवश्यकता है या नहीं। ऐसे मुद्दे राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद प्रकरण का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह प्रकरण दो समुदाय के धार्मिक स्थलों से संबंधित मिल्कियत का मामला है, लेकिन अन्य मुकदमों का उदाहरण देकर बाबरी पक्षकार राम जन्म भूमि प्रकरण को पांच या सात न्यायाधीशों की पीठ के कारिए सुनवाई करने की न्यायालय से मांग कर रहे हैं ताकि मामला और कई वर्षों तक टाला जा सके।
रिजवी ने सवाल करते हुए कहा कि बाबरी पक्षकारों का पक्ष मजबूत है तो वह मुकदमे में बहस करने से क्यों बच रहे हैं। बाबर की मिल्कियत अदालत में साबित करने के लिए बहस की जानी चाहिए। असलियत यह है कि बाबरी पक्षकारों का पक्ष न्यायालय में बेहद कमजोर है और वह जानते हैं कि इसमें बाबर की हार तय है।