आज़म को तगड़ा झटका, हाईकोर्ट में पेश होने का आदेश

Edited By ,Updated: 08 Mar, 2017 09:10 AM

azam faces tough blow  orders to appear in the high court

उच्चतम न्यायालय ने अभियंता नियुक्ति मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश के कबीना मंत्री आज़म खान को तगड़ा झटका देते हुए उन्हें....

नई दिल्ली\इलाहाबाद:उच्चतम न्यायालय ने अभियंता नियुक्ति मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश के कबीना मंत्री आज़म खान को तगड़ा झटका देते हुए उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष आज पेश होने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद जल निगम के पदेन अध्यक्ष खान को आज 2 बजे उच्च न्यायालय के समक्ष पेश होने का आदेश दिया।

खान के खिलाफ जारी किया था जमानती वारंट
शीर्ष अदालत ने कहा कि आप (याचिकाकर्ता) अदालत की आंख में धूल नहीं झोंक सकते। आपके पास अदालत के समक्ष उपस्थित न होने का कोई कारण नहीं है।Þ  पीठ ने यह भी कहा कि याचिकाकर्त्ता उच्च न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए स्वच्छंद है। उच्च न्यायालय खान का पक्ष सुनने के बाद ही उचित आदेश सुनाएगा।   इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने जलनिगम के पदेन अध्यक्ष खान के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था। इसके खिलाफ उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। सपा नेता ने उनके खिलाफ जारी वारंट पर रोक लगाने का शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था।

अदालत ने आज़म के खिलाफ अपनाया कड़ा रुख
लखनऊ पीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान जल निगम में इंजीनियर के सेवा संबंधी मामले में मंत्री आज़म खान, जल निगम के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य अभियंता को तलब किया था। निवर्तमान प्रबंध निदेशक पी. के. आसुदानी (28 फरवरी 2017 को सेवानिवृत्त) और मुख्य अभियंता आर. पी. सिन्हा पीठ के समक्ष पेश तो हो गए थे, लेकिन खान नहीं आए। इस पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए जल निगम के अध्यक्ष के तौर पर खान के खिलाफ वारण्ट जारी किया था। युगल पीठ ने जल निगम की ओर से दायर याचिका पर यह आदेश जारी किए थे।

जल निगम ने खटखटाया था उच्च न्यायालय का दरवाजा
गौरतलब है कि जल निगम के अधिशासी अभियन्ता धीरेन्द्र कुमार सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई थी। याचिकाकर्त्ता धीरेन्द्र ने राज्य सेवा न्यायाधिकरण में याचिका दायर कर कहा था कि उसके खिलाफ विभाग द्वारा जारी किए गए आरोप पत्र में अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर ही नहीं है। कई अन्य खामियों की भी बात याचिकाकर्त्ता की वकील सविता जैन ने न्यायाधिकरण के समक्ष रखी थी। इस सुनवाई के बाद न्यायाधिकरण ने याचिका स्वीकार कर ली थी। न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ जल निगम ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसने धीरेन्द्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई वाले जल निगम के आदेश को सही ठहराया था और खान एवं अन्य अधिकारियों को तलब किया था।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!