Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Mar, 2018 03:26 PM
आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ बलात्कार के मुकदमें को अदालत ने फर्जी करार दे दिया है। जिसके बाद लखनऊ की एक अदालत ने आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। दरअसल गाजियाबाद की ...
लखनऊः आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ बलात्कार के मुकदमें को अदालत ने फर्जी करार दे दिया है। जिसके बाद लखनऊ की एक अदालत ने आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
दरअसल गाजियाबाद की एक महिला ने 11 जुलाई 2015 को गोमतीनगर थाने में अधिकारी अमिताभ ठाकुर पर बलात्कार किए जाने का मामला दर्ज कराया था। एससी एसटी एक्ट की विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई और साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा को फर्जी करार दिया, साथ ही फर्जी मुकदमा लिखवाने के अपराध में उस महिला के खिलाफ मुकदमा चलाने के भी आदेश दिए हैं।
विशेष न्यायाधीश पद्माकर मणि त्रिपाठी ने अपने आदेश में कहा कि विवेचक ने न्यायालय को प्रेषित अपनी रिपोर्ट में कहा था कि विवेचना से वादिनी के बयानों में विरोधाभाष, उपनिरीक्षक राम राज कुशवाहा की जांच, तथा मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोप फर्जी पाए गए। इस संबन्ध में वादिनी ने अपना प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कर अमिताभ के वरिष्ठ आईपीएस होने के कारण उनके प्रभाव में सही विवेचना नहीं होने की बात कही थी।
न्यायालय ने कहा कि वादिनी के बयानों में भारी विरोधाभाष, उनके कथनों की असत्यता, सीडीआर में मोबाइल फोन की लोकेशन आदि के आधार पर अंतिम रिपोर्ट स्वीकार की जाती है। यह संभव नहीं है कि कोई महिला अपने घर में किसी अन्य महिला को बुला कर अपने पति से रेप करवाए।
गौरतलब है कि 11 जुलाई 2015 समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ धमकी देने की शिकायत करने वाले आइपीएस अफ़सर अमिताभ ठाकुर के ख़िलाफ़ एक महिला ने बलात्कार का केस दर्ज कराया था। मुलायम की शिकायत देने वाली रात को यह मुकदमा दर्ज हुआ था। वहीं ठाकुर ने इसे सपा सुप्रीमो का 'रिटर्न गिफ्ट' करार दिया था। जिसमें विवेचक ने 20 मार्च 2017 को अंतिम रिपोर्ट दी थी।