इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील देशव्यापी हड़ताल में हुए शामिल

Edited By ,Updated: 31 Mar, 2017 03:14 PM

allahabad high court advocates involvement in nationwide strike

अधिवक्ता कानून में प्रस्तावित संशोधन के विरोध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए जिससे अदालत में न्यायिक कामकाज ठप हो गया।

इलाहाबाद: अधिवक्ता कानून में प्रस्तावित संशोधन के विरोध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए जिससे अदालत में न्यायिक कामकाज ठप हो गया। हड़ताल में शामिल हुए इन वकीलों ने प्रस्तावित संशोधन के ‘अधिवक्ता विरोधी’ होने का दावा किया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय परिसर के मुख्य द्वार के सामने सुबह एक बैठक की गई जहां हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने वकीलों से कहा कि भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बी.एस. चौहान द्वारा लाया गया अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक कठोर है।

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक एक न्यायधीश या एक न्यायिक अधिकारी यदि एक वकील को अनुशासनहीनता का दोषी पाता है तो वह उस वकील को अपना पक्ष रखने का अवसर दिए बगैर उसका लाइसेंस निरस्त कर सकता है। तिवारी ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन में बार काऊंसिल आफ इंडिया की कार्य प्रणाली में भी भारी बदलाव की सिफारिश की गई है। विधेयक के मुताबिक, बीसीआई के आधे से अधिक सदस्यों को उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश और मुख्य सतर्कता आयुक्त वाली एक समिति द्वारा नामित किया जाएगा।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का दावा है कि इसी तरह, राज्यों की बार काऊंसिलों के लिए यह सिफारिश की गई है कि इनके आधे से अधिक सदस्यों को संबद्ध उच्च न्यायालयों द्वारा नामित किया जाएगा और इन सदस्यों में वे लोग शामिल होंगे जो कानून के पेशे के अलावा अन्य पेशों में हैं। उन्होंने कहा कि इन कठोर, अधिवक्ता विरोधी, असंवैधानिक कदमों के खिलाफ बार काऊंसिल आफ इंडिया ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
 

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