Edited By ,Updated: 16 Feb, 2017 01:32 PM
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में एक एेसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में पढ़कर हैरान रह जाएंगे।
वाराणसी:उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में एक एेसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में पढ़कर हैरान रह जाएंगे। जहां पर कागजों में मृत घोषित संतोष मूरत सिंह ने वाराणसी के शिवपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला करते हुए बुधवार को नामांकन दाखिल किया। इस व्यक्ति ने क्षेत्र के विकास या किसी दूसरे मुद्दे के लिए नहीं बल्कि खुद को जिंदा साबित करने के लिए नामांकन दाखिल किया हैं।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार संतोष चौबेपुर के छितौनी गांव का रहने वाला है। उसके माता-पिता बचपन में मर चुके हैं। वह मुंबई में रहता था। सरकारी रिकार्ड में मर चुके संतोष की मानें तो इसकी बाइस बीघा जमीन पे इसके पड़ोसियों ने इसको कागजी रिकार्ड में मृत दिखाकर कब्ज़ा कर लिया है। अपने गले में 'मेैं जिंदा हूं' प्लेट लटकाए संतोष नाम का यह व्यक्ति अपने जिंदा होने के सबूत के साथ चुनाव लड़ने जा रहा है और यही कारण है कि इसने नामांकन दाखिल किया है। ये शख्स पिछले 9 सालों से अपने जिंदा होने की लड़ाई लड़ रहा है लेकिन सरकारी कागजों में ये मरा हुआ शख्स अभी तक जिंदा नहीं हो पाया है।
मुंबई बम ब्लास्ट में किया था मृत घोषित
आपको बता दें कि संतोष को उसके अपनों ने ही मुंबई बम ब्लास्ट में मरा हुआ दिखाकर यहा गांव में उसकी तेरहवी भी कर दी थी और उसकी जमीन पर अपना नाम दर्ज कर लिया था। इसके पीछे संतोष का कहना है कि दलित लड़की से कोर्ट में शादी करने के बाद मेरे पड़ोसियों ने जमीन कब्जा कर लिया।