Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jul, 2017 04:53 PM
लखनऊ के अलीगंज के हॉस्टल में रायबरेली की महिला पर एसिड फेंके जाने का मामले में एक नया मोड़ आ गया है....
लखनऊः लखनऊ के अलीगंज के हॉस्टल में रायबरेली की महिला पर एसिड फेंके जाने का मामले में एक नया मोड़ आ गया है। जानकारी के मुताबिक फोरेंसिक जांच, पुलिस और मेडिकल रिपोर्ट में एसिड नहीं फेंके जाने की पुष्टि हुई है। फिलहाल महिला का इलाज जीएमयू ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है।
डॉक्टर का कहना 10 जला शरीर
इस मामले में पीड़ित महिला के पति ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। वहीं केजीएमयू के डॉक्टरों की रिपोर्ट में पाया गया कि रायबरेली की रहने वाली महिला 10 प्रतिशत ही जली है। जलने के कारण चेहरे की स्कीन सिकुड़ गई है। घाव की गहराई मामूली है। एसिड अटैक होने पर ऐसे घाव नहीं पाए जाते हैं।
रिपोर्ट में एसिड अटैक की नहीं हुई पुष्ठि
वहीं डॉक्टरों की मानें तो यदि किसी पर एसिड अटैक होता है तो बॉडी 10 प्रतिशत नहीं, बल्कि करीब 40 -50 प्रतिशत कम से कम जलती है, जबकि इस केस में ऐसा नहीं पाया गया है। एसिड शरीर के जिस भाग पर फेंका जाता है उसके दूसरी तरफ एसिड के छींटे पड़ते हैं। यह एसिड अटैक की पहचान है, जोकि महिला के शरीर पर मौजूद नहीं हैं।
महिला का आरोप उस पर हुआ 5 बार अटैक
गौरतलब है कि रायबरेली की रहने वाली इस महिला का आरोप है कि उस पर 9 सालों में पांचवी बार तेजाब फेंककर हमला हुआ है। इस घटना में वह गंभीर रूप से झुलस गई है। फिलहाल उसे केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। घटना राजधानी के अलीगंज इलाके के गल्ला मंडी की थी। महिला पर पहले भी तेजाब फेंका जा चुका है।