UP की 4 विधान परिषद सीटों पर BJP के 5 मंत्री, इनकी हो सकती है छुट्टी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 05:36 PM

5 ministers of bjp on four legislative council seats in up

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की एक धारा के कारण उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के समक्ष एक समस्या उत्पन्न हो गई है....

लखनऊ: जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की एक धारा के कारण उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के समक्ष एक समस्या उत्पन्न हो गई है, जिसका हल नहीं निकाले जाने की स्थिति में किसी एक ऐसे मंत्री को कुर्सी छोडऩी पड़ सकती है जो विधानसभा या विधान परिषद दोनों में से किसी का सदस्य नहीं है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वतंत्र देव सिंह एवं राज्य मंत्री मोहसिन रजा इस समय किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। हाल ही में प्रदेश विधान परिषद की 7 सीटें खाली हुई थीं, लेकिन चुनाव आयोग ने 4 सीटों पर ही उपचुनाव का कार्यक्रम जारी किया है। जिन 3 सीटों पर उपचुनाव नहीं हो रहा है, उनका कार्यकाल एक साल से कम बचा है।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 151 के अनुसार किसी भी सीट पर रिक्त होने की तारीख से 6 महीने के अंदर उपचुनाव कराया जाएगा। लेकिन यदि किसी सदस्य का शेष कार्यकाल एक वर्ष से कम है तो उन पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता है। चुनाव आयोग ने सपा के एमएलसी बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, डॉ. सरोजनी अग्रवाल और डॉ. अशोक बाजपेयी के विधान परिषद से इस्तीफे के बाद इन 4 सीटों पर उपचुनाव कराने का कार्यक्रम निर्धारित किया है।

विधान परिषद से इस्तीफा देने वाले ठाकुर जयवीर सिंह और अंबिका चौधरी का कार्यकाल अगले साल 18 मई तक ही बचा हुआ था। इसके अलावा विधान परिषद की एक और सीट समाजवादी पार्टी के एमएलसी रहे बनवारी सिंह यादव का निधन मार्च 2017 में हो जाने के कारण खाली हुई है। इन सीटों पर कार्यकाल एक साल के कम का ही बचा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि पार्टी के ध्यान में यह विषय है और हम इसका हल निकाल लेंगे।

मंत्री पद बरकरार रखने के लिए शपथ ग्रहण के 6 महीने के भीतर ही विधानसभा या विधान परिषद में से किसी एक सदन का सदस्य बनना जरूरी होता है। मुख्यमंत्री सहित इन मंत्रियों ने 19 मार्च 2017 को शपथ ली थी। ऐसे में इन्हें 18 सितंबर 2017 तक किसी एक सदन की सदस्यता लेना अनिवार्य होगा।  पार्टी इस मुश्किल से निपटने की कवायद में जुटी हैं, ताकि सरकार की किरकिरी न हो और समाधान भी निकल आए।  इसके लिए भाजपा के पास जो विकल्प हैं, उनमें किसी एमएलसी का इस्तीफा हो अथवा किसी एक मंत्री को मंत्री पद से इस्तीफा दिलाकर उसे संगठन में समायोजित किया जाए।

चुनाव आयोग ने विधान परिषद की 4 सीटों पर उपचुनाव का कार्यक्रम जारी किया है। इसकी अधिसूचना 29 अगस्त को जारी होगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 5 सिंतबर और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 8 सितंबर है। 15 सितंबर को चुनाव होगा और उस दिन मतगणना भी होगी। 18 सितंबर तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

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