Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 10:21 AM
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एेलान के बाद पुराने नोटों को बंद करने का आदेश जारी हुआ था, जिसके साल भर बाद भी पुराने नोटों के मामले सामने आ रहे है। इसी बीच यूपी...
झांसीः 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एेलान के बाद पुराने नोटों को बंद करने का आदेश जारी हुआ था, जिसके साल भर बाद भी पुराने नोटों के मामले सामने आ रहे है। इसी बीच यूपी के झांसी जिले में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां नोटबंदी के साल के बाद 21 लाख रुपए के पुराने नोटों को बदला गया है। यह मामला झांसी के प्रधान डाकघर का है, जहां तीन कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने नोटबंदी के बाद पुराने नोटों को बदला।
इस मामले में सीबीआई ने इन तीनों डाक घर के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। तीनों कर्मचारियों के खिलाफ सीबीआई ने लखनऊ में एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई है। सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ मामला जानकारी मिलने के बाद दर्ज कराई है।
जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के बाद भी झांसी के प्रधान डाकघर में रिकॉर्ड बुक में व्हाइटन लगाकर 21 लाख 88 हजार रुपए के पुराने नोटों को बदला गया। इसकी जानकारी मिलने के बाद सीबीआई ने झांसी के प्रधान डाकघर के रोकडिया पूरनलाल अहिरवार, उप पोस्ट मास्टर एके संडिल और सिस्टम मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इन पर आरोप है कि इन लोगों ने 100 रुपए के सभी नोटों की जगह पर 500 और 1000 रुपए के नोट रखे और रिकॉर्ड बुक में व्हाइटनर लगा दिया।
इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के बाद सीबीआई ने इस मामले की विवेचना निरीक्षक आशीष कुमार को दी है। सीबीआई की टीम आज झांसी के प्रधान डाकर घर में नोटबंदी के बाद जमा की गई राशि को भी निकलवाएगी। सीबीआई की टीम नोट के अलावा तमाम दस्तावेजों को भी अपने कब्जे में लेगी। गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान करते हुए 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी।