Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Dec, 2017 02:37 PM
बांदा के जसईपुर गांव के रहने वाले 14 मछुआरों के पाकिस्तान में कैद होने के मामले में थोड़ी खुशी की खबर मिली है। घटना के 50 दिन बाद इन मछुआरों में 3 लोगों के खत आए हैं...
बांदा(जफ़र अहमद): बांदा के जसईपुर गांव के रहने वाले 14 मछुआरों के पाकिस्तान में कैद होने के मामले में थोड़ी खुशी की खबर मिली है। घटना के 50 दिन बाद इन मछुआरों में 3 लोगों के खत आए हैं। जिसमें उन्होंने अपने सकुशल होने की बात लिखी है।
गौरतलब है कि 9 नवंबर को जसईपुर गांव के देवी शरण, ओमप्रकाश, अमित, बाबू चंद्रप्रकाश, विक्रम, महेंद्र सहित 11 मछुआरों को पाकिस्तान सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। यह घटना तब घटी जब वे अपने ठेकेदार के कहने पर ओखा तट से नाव में सवार होकर मछली पकड़ने के लिए समुद्र गए थे, लेकिन समुद्री रास्ता भूल जाने पर पाकिस्तान की सीमा में चले गए। घुसपैठ के आरोप में पाकिस्तानी सेना ने इन्हे पकड़ लिया था।
वहीं जैसे ही मछुआरों के परिजनों को घटना की जानकारी हुई तो घरों में कोहराम मच गया। पीड़ित परिवारों को बच्चों की कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी, लेकिन अचानक ओम प्रकाश, रामचंद्र, छोटू के खत ने घरों का माहौल ही बदल दिया। जिन मछुआरों के खत आए हैं उन्होंने पत्रों में अपनी आपबीती लिखते हुए अपना दर्द बयां किया है। वहीं बाकी बचे लोगों के घरवालों को चिट्ठी न मिलने से गम का माहौल है।