Edited By ,Updated: 13 Jan, 2016 08:23 PM
विधानसभा चुनावों को देखते हुये राजनीतिक गालियारों में हलचल तेज हो गई है। पार्टियां एक दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर छोडऩा नहीं चाहती।
लखनऊ(अनिल सैनी): विधानसभा चुनावों को देखते हुये राजनीतिक गालियारों में हलचल तेज हो गई है। पार्टियां एक दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर छोडऩा नहीं चाहती। जहां एक ओर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन किसानों को मरहम लगाने के लिये खुद बुंदेलखंड दौरे पर निकले हुये हैं वहीं बीजेपी ने भी किसानों को मरहम लगाने के लिये आज ‘छोटा प्रीमियम-बड़ा बीमा योजना’ का शुभारंभ किया।
इस योजना से फसल की पैदावार के लिये किसान को महज 2 फीसदी देना होगा बाकी केंद्र सरकार वहन करेगी। यानि किसान एक रुपया खर्च करता है तो केंद्र 5 रुपया खर्च करेगी। ये कहना है बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी का। प्रदेश में पड़े सूखे पर केंद्र द्वारा मदद ना मिलने पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र द्वारा पहले दिया गया 2801 करोड़ रुपया प्रदेश सरकार खर्च नहीं कर पायी। वहीं केंद्र ने सूखे का आंकलन करके 1300 करोड़ रुपया एक और किस्त प्रदेश सरकार को दे दी है।
गौरतलब है इस राजनीतिक लड़ाई में पार्टियां अपना अपना पेट में भरने में लगी है। किसान को मुआवजे के नाम पर मिल रहा है तो सिर्फ 25 या 28 रुपये का मुआवजा। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि बाकी का पैसा कहां गया। क्या अधिकारी खा गये, या फिर कोई और। बहरहाल जो भी हो केंद्र और सरकार की लड़ाई में पिस किसान ही रहा है।