चुनावी हलचल शुरु होते ही एकजुट होने लगे हैं छोटे दल

Edited By ,Updated: 01 Oct, 2016 06:14 PM

electoral movement are beginning to unite the smaller parties

चुनावी मुहाने पर खड़े उत्तर प्रदेश में अब छोटे दल एकजुट होने लगे हैं और इसकी झलक आगामी चार अक्टूबर को बागपत के बडौत में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की होने वाली रैली में देखने को मिलेगी।

लखनऊ: चुनावी मुहाने पर खड़े उत्तर प्रदेश में अब छोटे दल एकजुट होने लगे हैं और इसकी झलक आगामी चार अक्टूबर को बागपत के बडौत में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की होने वाली रैली में देखने को मिलेगी। रैली को रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने आयोजित की है। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष नीतीश कुमार, पूर्व अध्यक्ष शरद यादव, बहुजन संघर्ष समिति के संयोजक और पूर्व मंत्री आर.के. चौधरी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मंराडी समेत कई अन्य नेताओं को आमंत्रित किया गया है। 

रालोद के वरिष्ठ नेता अनिल दुबे ने बताया कि इसके बाद बस्ती, अंबेडकरनगर के टाण्डा और सोनभद्र में रैलियां प्रस्तावित हैं। इन रैलियों में भी बिहार के मुख्यमंत्री समेत अन्य दलों के नेता मौजद रहेंगे। राजनीतिक जानकारों के अनुसार चौधरी अजित सिंह सूबे के छोटे-छोटे दलों को एक मंच पर लाकर राज्य विधानसभा का चुनाव लडऩा चाहते हैं। 

हाल ही में रालोद अध्यक्ष ने नीतिश कुमार को पत्र लिखकर लोहियावादियों, चरणसिंह के अनुयायियों और लोक नायक जयप्रकाश नारायण के विचारों से प्रभावित लोगों को एक मंच पर लाने के लिए प्रयास करने की अपनी की थी। जद (यू) नेता और सांसद के सी त्यागी ने पत्र लिखे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि उनका दल भी छोटे दलों को एक मंच पर लाने का पक्षधर है, ताकि साम्प्रदायिक शक्तियों को मात दिया जा सके। 

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