Edited By ,Updated: 26 Nov, 2015 06:06 PM
सरकारी नौकरी करने के बाद जब कोई कर्मचारी रिटायर हो जाता है तो उसे पेंशन के लिए जिले के कोषागार में आना ही पड़ता है।
रायबरेली(सौरभ आनंद): सरकारी नौकरी करने के बाद जब कोई कर्मचारी रिटायर हो जाता है तो उसे पेंशन के लिए जिले के कोषागार में आना ही पड़ता है। यह प्रक्रिया पेंशन धारकों को स्वयं को जीवित साबित करने के लिए कोषागार ऑफिस में शाबित करनी पड़ती है।यहां आने के बाद कोषागार के कर्मचारी खुलेआम पेंशन धारकों से रूपये लेकर उन्हें जीवित साबित करते हैं। यही नहीं यहां के केवल इसी कर्मचारी राम बहादुर यादव की ही करतूत नहीं है बल्कि लुके छिपे पेंशन धारकों से रूपये ऐंठने में और भी कई कर्मचारी शामिल हैं। घूूस लेने वाले बाबू से जब रूपये लेने के बारे में पूछा गया तो जनाब ने पहले टिकट के नाम पर पैसे लेने की बात कही पर फिर बेशर्मी की हदें पार करते हुए कहा कि लोग खुशी से देते हैं तो ले लेते हैं।
मामला उत्तर प्रदेश के वीआईपी इलाके में शुमार रायबरेली का है। वीवीआईपी क्षेत्र होने के बावजूद भी यहां के कोषागार ऑफिस में सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार करने में जरा सा भी संकोच नहीं करते हैं। हम आपको तस्वीरों में दिखा रहे हैं कि कैसे सरकारी कर्मचारी लोगों के काम के बदले पैसे लेकर अपनी जेब भर रहा है। ताजा मामला प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा सरकार के सुशासन की भी पोल खोल रहा है। देखते हैं कि मामला मीडिय़ा में आने के बाद सरकार इस मामले पर कोई कार्रवाई करती या फिर पहले की तरह आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कहकर मामला रफा-दफा कर देती है।