दोहरा हत्याकांड: 23 साल बाद मिला दलित को इंसाफ, दोषियों को उम्रकैद

Edited By ,Updated: 23 Sep, 2016 08:16 PM

double murder 23 years later received the dalit justice life convicts

उत्तर प्रदेश के बांदा में दोहरे हत्याकांड के मामले में 23 साल बाद पीड़ित परिवार को इन्साफ मिला है। सन् 1993 में एक साथ दलित बाप बेटे की हत्या कर हत्यारों ने शव को जला दिया था।

बांदा(जफर अहमद): उत्तर प्रदेश के बांदा में दोहरे हत्याकांड के मामले में 23 साल बाद पीड़ित परिवार को इन्साफ मिला है। सन् 1993 में एक साथ दलित बाप बेटे की हत्या कर हत्यारों ने शव को जला दिया था। पीड़ित परिवार लंबे समय से इन्साफ की लड़ाई लड़ रहा था और आज उसे इन्साफ मिल ही गया और न्यायालय ने तीन मुख्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है तो वहीं 7 आरोपियों को 5-5 साल की सजा सुनाई है। जिनमें 103 साल के वृद्ध आरोपी को जमानत पर रिहा किया है। 

आपको बता दें की 23 साल पहले 1993 में बाँदा के कमासिन थाना क्षेत्र के गाँव अन्दौरा में एक दलित युवक जीवन की गाँव के दबंग कमलेश, प्रमोद और बद्री ने अपने 10 साथियों के साथ उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी जब वह सार्वजनिक नल से पानी भर रहा था। इस दलित का गुनाह इतना था कि उसने हैण्डपम्प छू लिया था। जीवन की हत्या के बाद हत्यारे जब उसके शव को घसीट कर ले जा रहे थे तभी मृतक का पिता परसदवा आ गया और उसने अपने बेटे की लाश मांगी और शव ले जाने से मना किया। बस इसी बात पर नाराज हत्यारों ने परसदवा को भी गोली मार दी और उनके शव को गाँव के बाहर ले जाकर जला दिया था। तभी से ये मामला एससीएसटी न्यायालय बाँदा में चल रहा था। इस मामले में शामिल 13 आरोपियों में से 3 की मृत्यु हो चुकी थी। जिस पर आज न्यायाधीश डी पी एन सिंह ने आरोपी कमलेश, प्रमोद और बद्री को उम्रकैद और 7 आरोपियों को 5-5 साल कैद बामशक्कत की सजा सुनाई। जिनमें 103 साल के वृद्ध कनदार को जमानत पर रिहा किया गया। 
 

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