Edited By ,Updated: 03 Dec, 2015 02:33 PM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण सिर्फ न्यायालय के आदेश या विभिन्न पक्षों की आपसी सहमति से ही हो सकता है।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण सिर्फ न्यायालय के आदेश या विभिन्न पक्षों की आपसी सहमति से ही हो सकता है। कुमार ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के अपने जीवनकाल में ही अयोध्या में राममंदिर बनाये जाने के बारे में दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)काफी दिनों से इस मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठा रही है लेकिन अब इस मसले को लेकर फायदा उठाने का उसका कोई प्रयास सफल नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘अयोध्या में राममंदिर केवल न्यायालय के आदेश या विवादित भूमि पर दावा कर रहे विभिन्न पक्षों के बीच सहमति से ही बनाया जा सकता है।’’
कुमार ने कहा कि राममंदिर निर्माण से जुड़े पक्षों को इस मसले पर आपसी सहमति बनाने का प्रयास करना चाहिए हालांकि भाजपा की इस मामले में सहमति बनाने की तनिक भी रुचि नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनावी फायदे के लिए रामलला के नाम का दुरुपयोग करती रही है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा रामलला को पार्टी के कार्यकर्ता की तरह इस्तेमाल करती रही है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि विडंबना यह है कि भाजपा अयोध्या में राममंदिर निर्माण की बातें हमेशा करती है लेकिन वह कभी इसके लिए कोई तिथि घोषित नहीं करती। उन्होंने कहा कि भागवत का बयान चुनावी लाभ के लिए इस मसले को जीवंत रखने की कोशिश मात्र है। उल्लेखनीय है कि भागवत ने कल कोलकाता में कहा था कि वह चाहते हैं कि उनके जीवन में ही अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण हो जाये। उन्होंने युवाओं को इसके लिए बलिदान देने को तैयार रहने का भी आह्वान किया था।