Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jul, 2017 11:11 AM
पीएम मोदी की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने के उद्देश्य से कई अहम कदम उठाए हैं इसी बीच सरकार के एक फैसले से उनके इस मुहिम को खासा झटका लगा है...
लखनऊः पीएम मोदी की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने के उद्देश्य से कई अहम कदम उठाए हैं। इसी बीच सरकार के एक फैसले से उनके इस मुहिम को खासा झटका लगा है।
फैसले के बाद लगातार हो रही किरकिरी
दरअसल जब से योगी सरकार ने टोल प्लाजा पर जनप्रतिनिधियों के लिए अलग से लेन बनाने का शासनादेश जारी किया है तब से सरकार विपक्ष दलों के निशाने पर बनी हुई है। इसलिए अपनी लगातार हो रही किरकिरी से सरकार को अपने इस फैसले पर यू टर्न लेना पड़ा है।
गौरतलब है कि राज्य सहित पूरे देश में वीआईपी कल्चर खत्म हो गया है जिसके बाद से सीएम सहित कोई भी मंत्री अब लाल बत्ती लगी कार से सफर नहीं कर रहा है। इसी बीच यूपी सरकार ने जनप्रतिनिधियों के लिए टोल प्लाजा पर अलग से लेन की व्यवस्था की बात कही थी।
सरकार ने पारित किया था शासनादेश
इसके लिए यूपी के लोक निर्माण विभाग ने एक शासनादेश निकाला जारी किया था। शासनादेश में कहा गया था कि ऐसी शिकायतों का अम्बार लग रहा था कि सांसदों, राज्यसभा सदस्यों, विधायकों और एमएलसी के साथ टोल प्लाजा में अभद्रता हो रही है। लिहाजा उनके लिए अलग से एक लेन की व्यवस्था की जाए।
सरकार ने लिया पहला यू टर्न
जनप्रितिनिधियों लिए विशेष सुविधा के तौर पर देखे जाने वाले इस शासनादेश का लगातार विरोध होने पर सरकार की जमकर किरकिरी हुई। लिहाजा सरकार ने मौके की नजाकत को समझते हुए इस पर यू टर्न ले लिया है। अब जनप्रतिनिधियों के लिए पूर्व की ही सुविधा जारी रहेगी।