Edited By ,Updated: 24 Apr, 2017 03:54 PM
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी कर्मचारियों से ईमानदारी से काम करने का निर्देश भले ही दे चुके हों लेकिन इसका सरकारी कर्मचारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
लखीमपुर खीरी: प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी कर्मचारियों से ईमानदारी से काम करने का निर्देश भले ही दे चुके हों लेकिन इसका सरकारी कर्मचारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। कर्मचारियों अपने पुरानी शैली में ही काम को अंजाम दे रहे हैं। जनता जिससे उनको सैलरी मिलती है उससे इस कदर पेश आते हैं मानों कोई अपराधी हो।
इसी गतिविधियों को चेक करने के लिए लखीमपुर जिले के बीएसए ऑफिस में डीएम आकाशदीप ने शनिवार को अचानक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ ऐसा व्यवहार हुआ जैसा कि आम आदमी के साथ होता आ रहा है। डीएम साहब आम आदमी की तरह पैदल ही विभाग में गए थे। जैसे ही उन्होंने एंटर किया, वहां के सरकारी बाबू उन्हें पहचान न सके। इतना ही नहीं, बाबू ने डीएम से कहा, 'किनारे खड़े रहो अभी बताता हूं।' ऑफिस का ऐसा हाल देखकर उनका पारा चढ़ गया।
ये है पूरा मामला?
मामला लखीमपुर खीरी में स्थित बीएसए ऑफिस के लेखा विभाग का है। यहां डीएम आकाशदीप शनिवार को अचानक इंस्पेक्शन करने पहुंचे। इस दौरान डीएम साहब ने अपनी कार को सड़क पर ही छोड़ दिया और आम आदमी की तरह पैदल ही विभाग में जा पहुंचे। जैसे ही उन्होंने एंटर किया, वहां के कर्मचारियों ने उनके साथ सही व्यवहार नहीं किया। डीएम ने एक बाबू से पेंशन बनवाने का निवेदन किया तो वो भड़क गया और डीएम से ही सेटिंग शुरू कर दी। बाबू बोला- किनारे खड़े रहो, अभी बताता हूं। इसके बाद डीएम के स्टेनो ने डांटा कि जानते नहीं, ये डीएम साब हैं। इसपर वहां मौजूद सभी अधिकारियों के हांथ-पांव फूल गए, सभी लोग अपनी जगह पर खड़े हो गए।
DM को देख महिला ने बयां किया दर्द
इस दौरान डीएम को देखकर एक महिला ने अपना दर्द बयां किया। महिला ने कहा, ‘वह पेंशन के लिए करीब डेढ़ साल से दौड़ रही है, लेकिन उसको अभी तक पेंशन नहीं मिली। डीएम ने अफसरों से जानकारी ली। जिसमें पता चला कि शिक्षा अधिकारी बांकेगंज, ईसानगर और डीसी एमडीएम की 3 सदस्यीय टीम इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। इसपर डीएम ने कड़ी नाराजगी जताते हुए पूरे मामले की जांच मुख्य विकास अधिकारी अमित सिंह बसंल को सौंप दी है। साथ ही, सभी कर्मचारियों को ईमानदारी से काम करने की नसीहत दी।