Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 02:53 PM
सीएम याेगी उत्तर प्रदेश में भले ही रामराज्य लाने की बात करते हों और सार्वजानिक मंच से खड़े होकर सबका साथ सबका विकास का एेलान करते हों लेकिन हकीकत इससे काेशाे दूर है।
हाथरस (सूरज मौर्या)-सीएम याेगी उत्तर प्रदेश में भले ही रामराज्य लाने की बात करते हों और सार्वजानिक मंच से खड़े होकर सबका साथ सबका विकास का एेलान करते हों लेकिन हकीकत इससे काेशाे दूर है। मुख्यमंत्री के इस मनसूबे पर हाथरस पुलिस पलीता लगाती नजर आ रही है।
ऐसा ही एक मामला यूपी के हाथरस जिले के क़स्बा सहपऊ क्षेत्र के माेहल्ला जाटवपुरी में देखने को मिला। जहाँ पुलिस के आतंक व एकतरफ़ा कार्रवाई से परेशान होकर दलित समाज के सैंकड़ो लाेग पलायन काे मजबूर हैं। पीड़िताें ने अपने-अपने घरों के बाहर दरवाजों और दीवारों पर लिख दिया है कि ये घर बिकाऊ है।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि हाथरस के थाना सहपऊ क्षेत्र के कस्बे में दिनांक -21.10.17 दिन शनिवार की शाम को दूध काे लेकर दुकानदार और ग्राहक में विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि पूरी कीमत मांगने पर कुछ लोगों ने दुकानदार की पिटाई कर दी। जिसके बाद दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया आैर कस्बे में तनाव बढ़ गया।
पथराव के बाद बाजार में भगदड़ मच गई जिसमें कई लोग घायल हो गए। इसी पूरी घटना में थाना सहपऊ पुलिस ने दलिताें के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई की। इतना ही नहीं पुलिस ने एक दलित महिला पर कार्रवाई करते हुए उसे तमाचा भी मार दिया आैर उसके बेटे को जेल भेज दिया। पुलिस की इस कार्रवाई से दलित समाज के लोगों में काफी आक्रोश है। यहां तक कि डर के मारे सभी दलित समाज के पुरुष नाैजवान घर छोड़कर भाग गये। अब सिर्फ घरों में महिला और बच्चे ही बचे हुए हैं। एेसा नहीं है कि दलिताें ने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से नहीं की। शिकायत के बाद जब उच्च अधिकारियों ने भी कोई सुनवाई नहीं की ताे मजबूर हाेकर सभी ने पलायन का कदम उठा लिया। सभी ने अपने-अपने घरों के बाहर नीले रंग से लिखा हुआ है कि ये घर बिकाऊ है।
सरकार के बचाव में उतरे बीजेपी नेता
जब इस घटनाक्रम के बारे में हाथरस के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी से बात की गई तो उन्होंने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि हमारी सरकार में कोई भयभीत नहीं है किसी को कहीं जाने की जरुरत नहीं है। किसी को बस्ती छोड़ने की आवश्यकता नहीं है। हमारी सरकार में सबका साथ सबका विकास और कानून का राज्य स्थापित होगा। कानून को हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। ऐसा कुछ है तो जाँच कराएंगे।
जिले के आलाधिकारी ने साधी चुप्पी
वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर जिले के आलाधिकारी चुप्पी साधे हुये हैं और कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं।