Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 11:30 AM
आगरा की फॉरेंसिक लैब की जांच में यह बात सामने आई है कि उतर-प्रदेश विधानसभा में मिला संदिग्ध पाउडर एक्सप्लोसिव नहीं है...
लखनऊः आगरा की फॉरेंसिक लैब की जांच में यह बात सामने आई है कि उतर-प्रदेश विधानसभा में मिला संदिग्ध पाउडर एक्सप्लोसिव नहीं है। लैब के अफसरों ने दावा किया है कि उनके पास इस पाउडर का नमूना जांच के लिए भेजा गया था। हालांकि योगी सरकार का दावा है कि पाउडर का नमूना आगरा लैब भेजा ही नहीं गया था। वहीं सीएम ने लखनऊ की एक लैब का हवाला देते हुए इस पाउडर के एक्सप्लोसिव पेंटाएरीथ्रीटोल ट्राइनाइट्रेट (पीईटीएन) होने का दावा किया था।
एटीएस अब इस मामले की जांच एनआईए को सौंप रही है। आगरा लैब के अफसर ने कहा कि लखनऊ लैब के अफसरों को अपनी जांच पर शक रहा होगा नहीं तो नमूना आगरा लैब नहीं भेजा जाता। वहीं राज्य के गृह मंत्रालय के प्रिंसिपल सेक्रेटरी का कहना है कि अागरा लैब में इस जांच की मशीनें ही नहीं है।
लैब के अफसरों के मुताबिक एनआईए ने भी कई बार एक्सप्लोसिव की जांच के लिए नमूने आगरा लैब भेजे हैं। उनकी रिपोर्ट हमेशा देश में अलग-अलग एक्सप्लोसिव की जांच करने वाली स्पेशल लैब की रिपोर्ट जैसी ही रही है। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि 12 जुलाई को विधानसभा में मिले सफेद पाउडर की जो भी जांच रिपोर्ट होगी उनकी रिपोर्ट जैसी ही होगी।
एटीएस के अफसरों ने इस पाउडर का नमूना जांच के लिए हैदराबाद फोरेंसिक लैब भी भेजा है। विधानसभा में 15 जुलाई को एक और सफेद पाउडर मिला था, जिसकी जांच कर रहे अफसरों का कहना था कि यह मैग्नीशियम सल्फेट है। इसका इस्तेमाल सफाई और अर्थराइटिस की बीमारी के लिए किया जाता है। और यह एक्सप्लोसिव नहीं है। साथ ही एनआईए की टीम विधानसभा पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर देगी।