Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 07:34 PM
उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए यातायात व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरूस्त एवं सुदृढ़ बनाये जाने के उद्देश्य से 28 जुलाई से 10 अगस्त तक दो सप्ताह का प्रदेशव्यापी विशेष अभियान चलाकर ...
लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए यातायात व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरूस्त एवं सुदृढ़ बनाये जाने के उद्देश्य से 28 जुलाई से 10 अगस्त तक दो सप्ताह का प्रदेशव्यापी विशेष अभियान चलाकर यातायात नियमों का उल्लंंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। राज्य के गृह विभाग के प्रमुख सचिव अरविन्द कुमार ने आज यहां बताया कि कल से शुरु हो रहे इस अभियान में यातायात पुलिस और नागरिक पुलिस (शहरी क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र) दोनो के द्वारा कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने बताया कि शासन द्वारा निर्देशित किया गया है कि अभियान के दौरान कार्यालय समय और बच्चों के स्कूल समय का विशेष ध्यान रखा जाये और अभियान के कारण किसी को कार्यालय अथवा स्कूल जाने में विलंब अथवा असुविधा न हो एवं जाम की स्थिति उत्पन्न न हो।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि चेकिंग के दौरान कोई किसी भी तरह भेदभाव न किया जाये और किसी भी प्रकार की अवैध वसूली न हो। पुलिस किसी के साथ बदसलूकी न करे और अपना काम शालीनता और सजगता से करे। बुजुर्ग, महिला, दिव्यांगों तथा एंबुलेंस मरीज को कोई असुविधा न होने पाये, इसका विशेष ध्यान
रखा जाये। अभियान के दौरान हेलमेट धारण न करने वाले, सीट बेल्ट न पहनने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करने वालों, वाहनों पर हूटर, सायरन, प्रेशर हॉर्न तथा काली फिल्म लगाये जाने के विरूद्ध भी कार्रवाई होगी। साथ ही निर्धारित गति सीमा से अधिक तेज वाहन चलाने वालों एवं नशे में वाहन चलाने वालों के विरूद्ध भी कार्रवाई के निर्देश दिए गये हैं।
गौरतलब है कि मोटर वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि के फलस्वरूप प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में घायल एवं मृत व्यक्तियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन दुर्घटनाओं के कारण हो रही जनधन की क्षति अत्यंत चिंता का विषय है। यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्ष 2016 में पांच हजार से अधिक लोगों की हत्या हुई है, जबकि इसी अवधि में सड़क दुर्घटनाओं में 19 हजार से अधिक लोगों को जान गंवानी पडी है। इस प्रकार सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या हत्या की घटनाओं में मृत व्यक्तियों की संख्या से चार गुना है।