CM साहब! ईलाज तो दूर मरीजों को डराकर भगा देते हैं इस जिला अस्पताल के डॉक्टर

Edited By ,Updated: 21 Apr, 2017 03:50 PM

treatment is to frighten the patients away doctors of this district hospital

योगी सरकार भले ही सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने की कोशिश कर रही हो लेकिन हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।

बुलंदशहर(इकबाल सैफी): योगी सरकार भले ही सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने की कोशिश कर रही हो लेकिन हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। हालात अभी भी जस के तस बने हुए हैं। लापरवाह डॉक्टर ईलाज तो दूर प्रसव कराने आए मरीजों को इस कदर डराते हैं कि वह डरकर अपने आप वहां से भाग जाता है। डॉक्टरों के इस रवैये से मरीज परेशान हैं। 

ऐसा ही एक मामला बुलंदशहर के जिला अस्पाल में सामने आया है। जहां चिकित्सा के नाम पर मरीजों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। वैसे तो डॉक्टर मरीजों को राहत देते हैं लेकिन यहां उल्टा हो रहा है। इलाज के नाम पर डॉक्टर मरीजों को इतना भयभीत कर देते हैं कि वह चाहकर भी ईलाज नहीं करवाता। अगर कोई नार्मल डिलीवरी भी है तो उसे भी कह दिया जाता है कि बच्चा फंसा हुआ है। गर्भवती महिला की जान खतरे में है और यहां सही ईलाज नहीं हो पायेगा। अगर भर्ती करना है तो अपनी जिम्मेदारी पर कीजिए या फिर किसी प्राइवेट अस्पताल में ले जाइये, हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। बेचारा गरीब ना चाहकर भी ईलाज नहीं करा पाता और उसे किसी प्राईवेट अस्पताल में ईलाज के लिए जच्चा को भर्ती करवाना पड़ता है। यहां लगे बैनर पर साफ-साफ शब्दों में लिखा है कि अल्ट्रासाउण्ड की व्यवस्था है लेकिन मरीजों को इसके लिए बाहर किसी अन्य अस्पताल में जाना पड़ता है। 

प्राईवेट अस्पताल में कराओ ईलाज-पीड़ित तीमारदार
पीड़ित तीमारदार मंजू वाजपेयी ने बताया कि उन्होंने जच्चा को डिलिवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया तो डाक्टर ने कहा कि बच्चा फंसा हुआ है। इसे किसी प्राईवेट अस्पताल में ले जाओ। जब हमने कहा कि यहीं ईलाज कर दो तो डॉक्टर ने कहा कि आप पेपर से लिखकर दो कि अगर जच्चा-बच्चा को कुछ हो जाता है तो हमारी जिम्मेदारी होगी, तब हम ईलाज करेंगे ऐसे नहीं। हम प्राईवेट अस्पताल लेकर गए वहां नार्मल डिलिवरी हुई, जहां जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। डॉक्टर ने बताया कि कोई बच्चा नहीं फंसा हुआ था।

वहीं एक और पीड़ित तीमारदार देवेन्द्र सिंह ने बताया कि हमने अपने बहू को रात 10 बजे भर्ती करवाया था। सुबह 11 बजे के करीब डॉक्टर ने कहा कि आप किसी प्राईवेट अस्पताल में ईलाज करवा लो, यहां ऑपरेशन वाले डॉक्टर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यहां अल्ट्रासांउड जैसी कोई भी सुविधा नहीं है। 

क्या कहते हैं अधिकारी? 
मामले को लेकर जब जिलाधिकारी बुलंदशहर आन्जनेय कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि कुछ कमियां पायी गयी हैं। संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी और दो तीन दिन में व्यवस्थाओं को भी सुधारा जाएगा।


 

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