Edited By ,Updated: 17 Jan, 2017 07:08 PM
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में चमत्कारिक प्रदर्शन के बाद अब राज्य में सरकार बनाने का प्रयास कर रही भाजपा के लिए बसपा की रणनीतिक काट तैयार करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
लखनऊ: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में चमत्कारिक प्रदर्शन के बाद अब राज्य में सरकार बनाने का प्रयास कर रही भाजपा के लिए बसपा की रणनीतिक काट तैयार करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। भाजपा सार्वजनिक तौर पर मायावती की बसपा को मुकाबले से बाहर भले ही बता रही हो और अपना सीधा मुकाबला सपा से बता रही हो लेकिन कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा को जमीनी स्तर पर इस बात का एहसास है कि उनका असली मुकाबला बसपा से ही है।
दलितों का भाजपा के प्रति रूझान
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने दलितों का भाजपा के प्रति रूझान होने पर जोर देते हुए कहा कि मोदी सरकार दलित, गरीब, कमजोर वर्गो के विकास के लिए काम करती है और लोग इस हकीकत को समझ चुके हैं। इसलिए सभी ने भाजपा के पक्ष में जनादेश देने का मन बना लिया है।
इंद्रधनुष तैयार करने में जुटी बसपा
उधर, अपने दलित आधार वाले मतदाताओं को लेकर आश्वस्त बसपा अब ऊंची जातियों, सर्वाधिक पिछड़ी जातियों और मुसलमानों का एक इंद्रधनुष तैयार करने में जुटी है। भाजपा जहां उत्तर प्रदेश में आेबीसी वर्ग को अधिक से अधिक अपने साथ जोडऩे पर जोर दे रही है, वहीं बहुजन समाज पार्टी अपने दलित आधार को मजबूत बनाते हुए सवर्णो पर ध्यान केंद्रित किये हुए है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची में काफी संख्या में आेबीसी समुदाय के लोगों को टिकट दिया है।
मायावती का टिकट फार्मूला
बसपा सुप्रीमो मायावती हाल ही में अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी हैं जिसमें पार्टी ने 87 दलितों और 97 मुसलमानों को टिकट दिया है। इसके साथ ही 106 आेबीसी और 113 सवर्णो को टिकट दिया गया है।
भाजपा में सवर्णो के लिए कोई जगह नहीं
बसपा के प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि मंडल के नये अवतार वाले भाजपा में सवर्णो के लिए कोई जगह नहीं बचा है। सवर्णो के लिए सबसे उपयुक्त स्थान बसपा में है और हम खुले हृदय से उनका स्वागत करते हैं। बसपा मुसलमानों को भी ज्यादा से ज्यादा अपने पाले में लाने पर जोर दे रही है। भदौरिया ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद मुसलमान चेत गए हैं और बसपा की आेर रूख कर रहे हैं।
वनवास खत्म करने के लिए पूरा जोर लगा रही भाजपा
भाजपा उत्तर प्रदेश में सत्ता के 14 वर्षो के वनवास को समाप्त करने के लिए पूरा जोर लगा रही है और इस दिशा में पिछले वर्ष नवंबर-दिसंबर में राज्य के चार हिस्सों में परिवर्तन यात्राएं निकाली गई जिसके तहत 17,500 किलोमीटर का सफर तय किया गया। दो जनवरी को लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली को मिलाकर उनकी सात रैलियां हो चुकी हैं जबकि अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी की 15 से अधिक रैलियां और कई बड़े कार्यक्रम हो चुके हैं।भाजपा ने संगठन का ढांचा भी सामाजिक समीकरण के लिहाज से खड़ा किया है और संगठन को छह हिस्सों में बांट कर सामाजिक समीकरण के आधार पर जिम्मेदारी सौंपी है।
UP Political News की अन्य खबरें पढ़ने के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें