Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Dec, 2017 04:40 PM
यूपी निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी काे करारी हार का सामना करना पड़ा है। जहां एक तरफ याेगी की अगुवाई में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने शानदार जीत हासिल की वहीं दूसरी तरफ बसपा काे भी बड़ी जीत मिली है।
लखनऊः यूपी निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी काे करारी हार का सामना करना पड़ा है। जहां एक तरफ याेगी की अगुवाई में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने शानदार जीत हासिल की वहीं दूसरी तरफ बसपा काे भी बड़ी जीत मिली है। इस चुनाव में पहली बार किस्मत आजमा रही बसपा काे अप्रत्याशित जीत मिली है। वहीं सपा-कांग्रेस की बात करें ताे इस चुनाव में इन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा है।
16 सीटाें पर हाे रहे मेयर पद के लिए चुनाव में इन दाेनाें पार्टियाें का खाता भी नहीं खुला है। प्रदेश की जनता ने इन्हें पूरी तरह से नकार दिया है। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद सपा-कांग्रेस ने निकाय चुनाव में अपने अलग अलग उम्मीदवार खड़े किए थे। इसके बावजूद भी इन पार्टियाें काे काेई फायदा नहीं हुआ आैर दाेनाें पार्टियां बुरी तरह हारीं।
अखिलेश की अध्यक्षता में सपा काे दूसरी बड़ी हार
समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश यादव की ये दूसरी बड़ी हार है।विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार की इस चुनाव में भरपाई का ख्वाब देख रहे अखिलेश काे फिर बड़ा झटका लगा है। इस चुनाव में भी पार्टी आशा के अनुरूप प्रर्दशन नहीं कर सकी आैर इसके काफी विपरीत परिणाम आए हैं।
सपा में फिर बढ़ सकता है टकराव
सपा कुनबे में सत्ता के लिए जंग जग जाहिर है। पार्टी में अखिलेश यादव आैर शिवपाल यादव में विवाद पहले से ही चल रहा है। सपा में साइड किए जाने से नाराज शिवपाल यादव नई पार्टी बनाने की भी धमकी दे चुके हैं। हालांकि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा बीच बचाव के बाद स्थित काबू में है, लेकिन इस हारे के बाद फिर से सपा में विवाद बढ़ सकता है।