Edited By ,Updated: 09 Jan, 2017 07:32 PM
कहते हैं जब पुलिस और प्रशासन अपने पर आ जाए तो सामने वाले की नेतागिरी ऐसे गायब होती है जैसे गधे के सिर से सींग। जी हां, पांच सालों तक बड़े नेताओं के दम पर अधिकारियों को अंगुली पर नचाने वाले नेता आचार संहिता के बाद उन्हीं के सामने हाथ जोड़ते और पैर...
गाजीपुर(अनिल कुमार): कहते हैं जब पुलिस और प्रशासन अपने पर आ जाए तो सामने वाले की नेतागिरी ऐसे गायब होती है जैसे गधे के सिर से सींग। जी हां, पांच सालों तक बड़े नेताओं के दम पर अधिकारियों को अंगुली पर नचाने वाले नेता आचार संहिता के बाद उन्हीं के सामने हाथ जोड़ते और पैर छूते नजर आ रहे हैं।
दरअसल आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू है। सोमवार को दोपहर में जब पुलिस अधीक्षक की अगुआई में पुलिस ने काली फिल्म लगी गाडिय़ों, राजनैतिक झण्डा लगे वाहनों व राजनैतिक दलों के प्रतीक चिन्ह बनाये वाहनों को एक-एक कर रोककर उसे हटाना और काला पेन्ट लगाना आरंभ किया तो नेताओं को अपनी औकात समझ में आने लगी। इस दौरान एक नेताजी जो कभी जनपद के एक पूर्व मंत्री के काफी करीबी रहे और मौजूदा समय में ग्राम प्रधान भी हैं। जब पुलिस ने इनकी गाड़ी समाजवादी पार्टी के प्रतीक चिन्ह को काला करना शुरू किया और 500 का चालान काटा तो नेताजी को अपनी असली औकात मालूम हो गई। नेताजी कैमरे के सामने ही एसपी के सामने हाथ जोड़ गिड़गिड़ाते नजर आये। तभी एक और नेताजी एसपी का पैर छूकर उनसे फरियाद करते नजर आये।
आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक केसी गोस्वामी ने बताया कि चुनाव आचार संहिता के बाद इसी तरह की चेंकिंग जारी रहेगी। गाडिय़ों पर किसी भी पार्टी के स्टीकर, काले सीसे, नेम प्लेट, लोगो, लाल बत्ती, नीली बत्ती या फिर अवैध रूप से जो भी वाहन चल रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जब तक चुनाव आचार संहिता लागू है इसका अनुपालन किया जाएगा। आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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