Edited By ,Updated: 24 May, 2017 03:49 PM
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुए जातीय संघर्ष से योगी सरकार की हो रही किरकिरी के बीच प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी(सपा) ने पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुए जातीय संघर्ष से योगी सरकार की हो रही किरकिरी के बीच प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी(सपा) ने पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बार-बार शांति की अपील तथा उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव और उसके आसपास इलाके में अभी भी तनाव बरकरार है। राज्य के गृह सचिव समेत चार वरिष्ठ अधिकारी लखनऊ से जाकर वहां डेरा डाले हुए हैं।
सहारनपुर में गत 20 अप्रैल को साम्प्रदायिक दंगा हुआ था। इसके बाद पांच, नौ और 23 मई को राजपूतों और दलितों में जातीय संघर्ष हुआ जिसमें दो युवकों की मृत्यु हुई और 30 से अधिक घायल हुए। गत 15 मई से करीब एक सप्ताह चले विधानमण्डल के दोनों सदनों में सहारनपुर काण्ड जोरदार ढंग से उठा। विधानसभा में विपक्ष ने एक बार इसी मुद्दे पर सदन का बहिर्गमन भी किया। सहारनपुर की घटनाओं को लेकर आक्रामक विपक्ष ने आज इसकी न्यायिक जांच की मांग उठा दी।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से होनी चाहिए पूरी घटना की जांच-सपा
विधानसभा में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि पूरी घटना की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से करायी जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के लोग दलितों को उत्पीड़ित और परेशान कर रही हैं। भाजपा जबरन दलितों को अपने पक्ष में करना चाहती है।
विफलता छिपाने के लिए कमजोरों को परेशान करवा रही है सरकार
चौधरी ने कहा कि भाजपा साम्प्रदायिक और जातीय दंगे कराकर 2019 का चुनाव जीतना चाहती है। सहारनपुर में हुए संघर्ष में वह और उनकी पार्टी दलितों के साथ है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की विडंबना है कि किसी नेता की मीटिंग से लौट रहे निहत्थे लोगों पर तलवार और बन्दूक का खुलेआम इस्तेमाल किया जाये। विपक्ष इसको कमजोरों को दबाने के प्रयास के रूप में देख रही है। सरकार अपनी विफलता छिपाने के लिए कमजोरों को परेशान करवा रही है। उन्होंने कहा कि सपा इस घटना की कड़ी ङ्क्षनदा और दलितों की सुरक्षा की मांग करती है।
न्यायिक जांच जरूरी, विफल साबित हुई सरकार-बसपा
बहुजन समाज पार्टी(बसपा)के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर ने भी घटनाओं की निष्पक्ष जांच के लिए न्यायिक जांच जरूरी है क्योंकि स्थानीय पुलिस से लोगों का विश्वास उठ गया है। राज्य सरकार विफल साबित हुई है। इसीलिए घटनाएं बार-बार हो रही हैं। राजभर ने कहा कि लंबा चौड़ा दावा करने वाली भाजपा सरकार हर मोर्चे पर फेल है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। चोरी, डकैती, हत्या,बलवा जैसी घटनायें लगातार हो रही हैं। सहारनपुर, मथुरा, मेरठ, बुलंदशहर और लखनऊ की आपराधिक घटनाओं से सरकार के खोखले दावे का पता चलता है।
सहारनपुर में खुलेआम दलितों पर तलवार और बन्दूक का प्रयोग किया गया
उन्होंने कहा कि सहारनपुर में खुलेआम दलितों पर तलवार और बन्दूक का प्रयोग किया गया। बदले की भावना से दलितों को मारा-पीटा जा रहा है। सरकार की कार्रवाई का कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। सहारनपुर में दलितों को दबाने की कोशिश हो रही है। 24 घंटे बिजली देने के सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
विपक्षी को अच्छा नहीं लग रहा ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा-बीजेपी
दूसरी ओर, भाजपा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार सहारनपुर में अमनचैन कायम करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। कुछ लोग माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा सरकार ऐसे लोगों को बेनकाब करेगी। पार्टी के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक ने कहा कि भाजपा सरकार की ‘सबका साथ सबका विकास’ नारे को पचा नहीं पा रहे हैं। पाठक ने कहा कि ‘सब का साथ सब का विकास’ का नारा विपक्षी दलों को अच्छा नहीं लग रहा है। इसलिए, माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने दिए कार्रवाई के आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर की घटना में मृत युवक के परिजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि इस घटना के दोषी व्यक्तियों को चिन्ह्ति कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जो लापरवाही हुई है, उससे संबंधित अधिकारियों को दण्डित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने धैर्य व संयम बनाए रखने के साथ-साथ विपक्षी दलों समेत सभी लोगों से शान्ति बहाली में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि यह सरकार सबकी है। जाति, पंथ, मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। चार वरिष्ठ अधिकारियों का दल को सहारनपुर में डेरा डाले हुए है। ये अधिकारी शान्ति बहाली सुनिश्चित करेंगे। इस दल में गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा, अपर पुलिस महानिदेशक(कानून व्यवस्था) आदित्य मिश्रा, आई0जी0 एस0टी0एफ0 अमिताभ यश और डी0जी0 सिक्योरिटी विजय भूषण शामिल हैं।
मायावती के दौरे के बाद बिगड़ा माहौल-बीजेपी
ऊर्जा मंत्री और सरकार के प्रवक्ता श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि यह अपेक्षा थी कि सहारनपुर में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के जाने से वहां शान्ति बहाली में सहयोग मिलेगा, लेकिन ऐसा न होना दु:खद है। सहारनपुर में शान्ति और सछ्वाव का वातावरण बन चुका था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री के पहुंचने पर तनाव और अशान्ति का माहौल बना और दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई, जिसमें निर्दोष युवक मारा गया। शर्मा ने कहा कि नई सरकार के उपलब्धियों से भरे दो महीने के कार्यकाल को विपक्षी पचा नहीं पा रहे हैं। करारी हार से निराश विपक्ष षड्यंत्रकारी गतिविधियों में लग गया है। सरकार विपक्ष के इस प्रकार के षड्यंत्रों और नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी एवं जल्द ही ऐसे षड्यंत्रकारियों के चेहरे से नकाब उतारेगी।
25 लोगों को किया गया गिरफ्तार-अपर पुलिस महानिदेशक
इस बीच, अपर पुलिस महानिदेशक(कानून व्यवस्था) आदित्य मिश्र ने बताया कि कल की घटना के सिलिसले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। शब्बीरपुर और उसके आसपास के इलाके में सशस्त्र बलों की र्तैनाती की गयी है। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। गौरतलब है कि पांच मई को महाराणा प्रताप जयंती पर निकले जुलूस के दौरान दलितों और राजपूतों में संघर्ष के दौरान एक युवक की मृत्यु हो गयी थी। इसके बाद नौ मई को भी दोनों पक्षों में पथराव हुआ था। कल बसपा अध्यक्ष मायावती ने शब्बीरपुर का दौरा किया था। वहां से लौटते समय दलितों पर दूसरे पक्ष ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया था जिसमें आशीष नाम के 20 वर्षीय युवक की मृत्यु हो गयी थी और कयी घायल हो गये थे।