Edited By ,Updated: 15 Mar, 2017 06:10 PM
यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने आलाकमान के समक्ष अपने इस्तीफे की पेशकश की है। दरअसल सपा-कांग्रेस गठबंधन के बावजूद कांग्रेस का प्रदर्शन राज्य में बेहद कमजोर रहा।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में चुनाव में जबर्दस्त पराजय के बाद इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर ने इस्तीफे की पेशकश की है। बब्बर ने यह पहल एेसे समय में की है जब पार्टी में ढांचागत बदलाव करने और जिम्मेदारी तय करने की मांग की जा रही है।
राज बब्बर ने राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें पार्टी को मजबूत बनाने के लिए ढांचागत बदलाव की जरूरत बतायी गई, साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष का बचाव करते हुए कहा कि एक या दो चुनाव में पराजय से नेतृत्व में बदलाव नहीं होता है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उत्तर प्रदेश में चुनाव में पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। मुझे जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन मैं उसे पूरा नहीं कर सका। मैं उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। जो भी जरूरी होगा, मैं वह करूंगा।’’
बब्बर ने संसद भवन परिसर मेंं संवाददाताआें से यह बात कही। राहुल गांधी या गुलाम नबी आजाद जैसे बड़े नेताआें द्वारा पराजय की जिम्मेदारी नहीं लेने के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एेसे विषयों के बारे में पार्टी में आंतरिक स्तर पर चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व ने पांच राज्यों में काफी मेहनत की। लेकिन हम उत्तर प्रदेश में विफल रहे।
राज बब्बर की तरह क्या अन्य संबंधित कांगे्रस नेताआें के इस्तीफे की पेशकश हो सकती है, इस प्रश्न के उत्तर में कांगे्रस प्रवक्ता सुष्मिता देव ने संसद परिसर में कहा कि इस तरह के इस्तीफों के पेशकश की हम सराहना करते हैं। एेसा करना स्वाभाविक हैं। उन्होंने कहा कि हमें साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इस तरह इस्तीफों से कोई समाधान नहीं निकल सकता है।