Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jun, 2017 03:48 PM
देश के राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बार फिरआमने-सामने आ गए हैं। मुलायम जहां अब खुलकर एनडीए के पक्ष में हैं, वहीं अखिलेश की राय जुदा है।
लखनऊ: देश के राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बार फिरआमने-सामने आ गए हैं। मुलायम जहां अब खुलकर एनडीए के पक्ष में हैं, वहीं अखिलेश की राय जुदा है। बता दें कि अगले राष्ट्रपति चुनने को लेकर चुनाव अगले महीने होने जा रहा है। इस बाबत तमाम दल अपने-अपने समीकरण बनाने में लगे हैं। अभी तक कहीं से भी किसी भी उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है।
ऐसा माना जा रहा है सत्ता पर काबिज एनडीए 20 जून को राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर सकती है। यूपीए ने भी इसको लेकर काफी तेजी दिखाई है। यूपीए ने इसको लेकर अन्य विपक्षी दलों के साथ बैठक की है लेकिन किसी नाम पर सहमति नहीं बन पायी है।
NDA को समर्थन देगी सपा-मुलायम
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में भी काफी गहमागहमी है। प्रदेश में सत्ता पर काबिज रही समाजवादी पार्टी भी इस चुनाव से अछूती नहीं रही है। पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को नजरअंदाज करते हुए कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में समाजवादी पार्टी एनडीए को समर्थन देगी। इसके बाद मुलायम-अखिलेश आमने सामने आते दिखाई दे रहे हैं।
मुलायम सिंह ने एनडीए के सामने रखी शर्त
अपनी राय के बाद मुलायम सिंह ने एनडीए के सामने शर्त रखी है कि उम्मीदवार कट्टर भगवा चेहरा न हो। इसके साथ ही सभी का समर्थन भी उस उम्मीदवार को प्राप्त होना चाहिए। दो दिन पूर्व ही मुलायम सिंह यादव ने केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की थी। मुलायम सिंह यादव ने हाल ही में पार्टी के मामलों अखिलेश यादव के तौर-तरीकों पर भी आपत्ति जताई थी।
कांग्रेस की बढ़ेगी मुसीबत
मुलायम सिंह यादव के राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के समर्थन की बात से कांग्रेस को झटका लग सकता है। अखिलेश यादव विपक्ष के समर्थन वाले उम्मीदवार को समर्थन दे सकते है। ऐसा होने की स्थिति में पिता-पुत्र के बीच टकराव फिर देखने को मिल सकता है।
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