Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 05:43 PM
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में शनिवार शाम पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
मुजफ्फरनगरः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में शनिवार शाम पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इसी बीच हादसे से जुड़ा एक ऑडियो सामने आया है जिससे बड़ा खुलासा हुआ है। इस ऑडियो क्लिप में घटनास्थल से कुछ दूरी पर तैनात गेटमैन और एक रेलवे कर्मचारी के बीच बातचीत हुई।
गेटमैन- पटरी पहले से टूटी पड़ी थी। मगर, उस पर सही से काम नहीं किया जा रहा था, जो पटरी काटी गई थी, उसे जोड़ा नहीं गया और ऐसे ही छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं, वहां काम करने वाले कर्मचारी अपने मशीन भी वहीं छोड़कर चले गए।
गेटमैन- पटरी जोड़ी नहीं गई थी और ट्रेन के आने का वक्त हो गया। ऐसे में सुरक्षा के लिए न कोई सिग्नल दिया गया और न ही लाल झंडा लगाया गया।
गेटमैन- पटरी पर काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी लापरवाही बरतते हैं। उसका आरोप है कि कर्मचारी साइट पर आते हैं और बैठे रहते हैं। इतना ही नहीं इस शख्स का ये भी कहना है कि हाल ही में यहां नए जेई की नियुक्ति हुई है और पुराने कर्मचारी उनकी बात नहीं मानते हैं और मनमानी करते हैं। हादसे के बाद तुरंत ड्यूटी पर तैनात गैंगमैन, लोहार और जेई भाग गए और जेई ने अपना फोन बंद कर लिया।
हालांकि, इस ऑडियो क्लिप की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. लेकिन इतना साफ हो गया है कि जांच कर रहे अधिकारी भले ही अभी किसी नतीजे तक न पहुंच पाए हों, मगर ये ऑडियो रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही की गवाही दे रहा है। वहीं जिस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि घटनास्थल पर काम चल रहा था, इस ऑडियो से स्पष्ट हो गया कि वो बात किसी न किसी हद तक सच थी।
उल्लेखनीय है कि जिस पटरी से कलिंग-उत्कल ट्रेन को गुजरना था, उस पर काम चल रहा था। ट्रेन को धीमी गति से गुजारने के आदेश थे लेकिन सिग्नल गड़बड़ होने से ड्राइवर को सूचना नहीं मिली और ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से चलती रही, जिस वजह से पटरी उखड़ गई।